कृष्ण जन्म एवं सुदामा चरित्र की कथा सुन भावुक हुए श्रोता

डिजिटल डेस्क पन्ना। पन्ना जिले के द्वारी ग्राम में श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण पान कथा व्यास रामबाबू त्रिपाठी द्वारा श्रृद्धालुओं को करवाया जा रहा है। श्रीमद् भागवत कथा के प्रसंग में गत दिवस आचार्य द्वारा भगवान श्री कृष्ण के जन्म तथा सुदामा चरित्र की कथा का वर्णन किया गया। जिसमें भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। वहीं सुदामा चरित्र की कथा को सुनकर भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की मैत्री के स्नेह की कथा को सुनकर दर्शक भाव विभोर हो गए। श्री कृष्ण और उनके परम त्रि भक्त सुदामा की मनोहारी झांकी कथा प्रसंग के दौरान आकर्षण का केन्द्र रही। कथावाचक ने कहा कि सच्चे मित्र बहुत कम मिलते हैं। आज की मित्रता में स्वार्थ अधिक हो गया है। श्र्री कृष्ण और सुदामा की मैत्री निश्छल मैत्री रही है। आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में मदन गोपाल समिति के श्रोता, भूषण द्विवेदी, हरिनारायण द्विवेदी, मुकेश द्विवेदी, रवि चनपुरिया, इंदु तिवारी, शंकर गर्ग, राजू गर्ग, हल्के पुजारी सहित सैकडों की संख्या में ग्रामीण भक्तजन शामिल रहे।
पन्ना के नजदीकी ग्राम स्थित लक्ष्मीपुर में प्रसिद्ध स्थल श्रीराम चरण पादुका न्यास मानस वट में महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का वाचन कथा व्यास आचार्य ओम नारायण तिवारी द्वारा किया जा रहा है। जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी श्री वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज के शुभ सानिध्य में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में सातवें दिन कथा व्यास ओम नारायण तिवाीर द्वारा सुदामा चरित्र का अध्यात्मिकता के साथ मार्मिक वर्णन किया गया। कथा प्रसंग में व्यास पीठ से महाराज जी ने बोलते हुए कहा कि यदि संत नहीं बन सकते तो संतोषी बन जाओ। उन्होंने कथा प्रसंग में सुदामा चरित्र के साथ ही श्रीमद् भागवत कथा तथा व्यास पूजन किया गया। उन्होंने बताया कि मनुष्य स्वयं को भगवान बनाने की बजाय प्रभु का दास बनने का प्रयास करे। भक्तिभाव देखकर जब प्रभु में वातसल्य जागता है तो वह सबकुछ छोडकर अपने भक्तरूपी संतान के पास दौडे चले आते हैं। भागवत कथा में जगतगुरु शंकराचार्य श्रीमद् स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज सहित संत महात्मा बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। कथा समापन पर प्रसाद वितरण किया गया।
Created On :   19 Feb 2023 2:37 PM IST