महाराजा राघवेन्द्र सिंह जू देव पंचतत्व में हुए विलीन

Maharaja Raghavendra Singh Ju Dev merges in Panchatatva
महाराजा राघवेन्द्र सिंह जू देव पंचतत्व में हुए विलीन
पन्ना महाराजा राघवेन्द्र सिंह जू देव पंचतत्व में हुए विलीन

डिजिटल डेस्क पन्ना। पन्ना रियासत के महाराज राघवेन्द्र सिंह का आज छत्रशाल पार्क स्थित राजपरिवार के मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया। उनको मुखाग्नि उनके पुत्र छत्रशाल द्वितीय द्वारा दी गई। आज सुबह से ही राजमहल में स्थानीय नागरिक व राजपरिवार के रिश्तेदार काफी संख्या में पहुंच गए थे। दोपहर एक बजे राजमहल से महाराज राघवेन्द्र सिंह की अंतिम यात्रा शुरू हुई और राजपरिवार के मुक्तिधाम में पहुंची। जहां पर पूरी रीति-रिवाज के अनुसार आचार्य पंडित अरूण गंगेले द्वारा अंतिम संस्कार करवाया गया। परंपरा के अनुसार वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच उनके पुत्र छत्रसाल द्वितीय का राजशाही परंपरा के अनुसार राजतिलक किया गया। पहले मुख्य दरबार हाल में महाराज राघवेंद्र सिंह जूदेव के शव को रखा गया। इसके बाद सभी लोगों की मौजूदगी में ब्राम्हणों, परिजनों और क्षत्रिय समाज के लोगों ने उनके पुत्र का राजतिलक कर उन्हें पन्ना नरेश घोषित किया गया। राजतिलक सम्पन्न होने के बाद छत्रशाल द्वितीय जो महाराज बनें उन्हें राजपरिवार के सदस्यों, क्षत्रिय समाज के वरिष्ठजनों तथा श्री प्राणनाथ जी मंदिर से पहुंचे पुजारियों द्वारा तिलक लगाया गया तथा महाराज राघवेन्द्र सिंह के पार्थिव देह को शाल ओढाकर श्रृद्धा-सुमन अर्पित करते हुए श्रृद्धांजलि दी गई। जानकार बताते हैं कि राजशाही परंपरा है कि जब तक उत्तराधिकारी को राजा घोषित नहीं किया जाता तब तक अंतिम संस्कार नहीं होता। इस कारण उस राजशाही परंपरा के अनुसार पूरी प्रक्रियाओं का पालन कऱ राजतिलक किया गया। जिसमें छत्रसाल द्वितीय को राजा घोषित किया गया है एवं मृत राजा को रंगीन पगड़ी बांधी गई। राजमाता दिलहर कुमारी और इंदिरा कुमारी सिंह व महारानी जीतेश्वरी देवी ने राजतिलक के बाद महाराज छत्रशाल द्वितीय को आर्शीवाद दिया। गौरतलब हो कि लंबी बीमारी के चलते पन्ना महाराज राघवेन्द्र सिंह को इलाज के लिए नागपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां पर वह एक सप्ताह तक भर्ती रहे लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और उन्होंने २९ जनवरी की शाम अंतिम सांस ली। 

महाराज की गंभीर रूप से घायल बडी राजकुमारी ने एम्बूलेंस से किए अंतिम दर्शन

छतरपुर जिले के बमीठा थाना क्षेत्र अंतर्गत झांसी-खजुराहो फोरलेन पर बागेश्वर धाम तिराहा के पास दिनांक ३० जनवरी की बीती रात उस समय सडक र्दुघटना में महाराज राघवेन्द्र सिंह की बडी राजकुमारी माधवी गंभीर रूप से घायल हो गईं जब वह अपने पिता के निधन हो जाने की खबर पाकर अपनी छोटी बहिन मामा-मामी के साथ जयपुर से पन्ना आ रहीं थीं तभी अचानक उनकी ऑडी कार में गलत साईड से आ रहे एक ट्रक ने टक्कर मार दी जिससे राजकुमारी माधवी गंभीर रूप से घायल हो गईं। वहीं उनके भाई छत्रशाल, छोटी बहिन व मामी दुर्गेश्वरी को मामूली चोटें आईं। माधवी को गंभीर रूप से घायल होने के कारण छतरपुर जिला चिकित्सालय ले जाया गया जहां पर उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और उन्हें बाहर के लिए रेफर कर दिया गया था लेकिन वह अपने स्वर्गीय पिता के अंतिम दर्शन के लिए एम्बूलेंस के द्वारा दोपहर १२ बजे के लगभग राजमहल पहुंची और चूंकि उनकी हालत इतनी गंभीर थी कि वह उठने में सक्षम नहीं थीं। जिसके चलते उन्हें मोबाइल से वीडियो काल करके पिता के अंतिम दर्शन कराये गये। यह दृश्य बडा ही मार्मिक था कि एक बेटी जो अपने पिता के अंतिम दर्शन के लिए उठ नहीं पा रही थी उस समय वहां पर मौजूद महिलाओं एवं अन्य लोगों के आंखों में आंसू आ गए। 

मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सहित अन्य राजपरिवारों के सदस्य हुए शामिल

पन्ना महाराज राघवेन्द्र सिंह जूदेव की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह सहित छतरपुर महाराज विक्रम सिंह नाती राजा, बिजावर महाराज, अजयगढ महाराज अजयराज सिंह, महाराज सरीला, महाराज चरखारी सहित महारानी जीतेश्वरी के मायके पक्ष उदयपुर महरावल से भी उनके रिश्तेदार पहुंचे। 

Created On :   1 Feb 2023 2:52 PM IST

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