मराठी भाषा : मंडल अध्यक्षों के साथ भेदभाव

Marathi language: Discrimination with Mandal presidents
मराठी भाषा : मंडल अध्यक्षों के साथ भेदभाव
नागपुर मराठी भाषा : मंडल अध्यक्षों के साथ भेदभाव

डिजिटल डेस्क, नागपुर ।  राज्य सरकार के मराठी भाषा विभाग अंतर्गत विविध मंडल व समिति अध्यक्षों के मानधन में भारी खामी होने का खुलासा आरटीआई में हुआ है। एक ही विभाग होने के बावजूद अध्यक्षों के मानधन में 40 हजार से ज्यादा का अंतर समझ से परे है। 

भत्ता भी एक को 500, दूसरे को 300 रुपए
मराठी भाषा विभाग के तहत आने वाले मराठी विश्वकाेष मंडल के अध्यक्ष को 50 हजार रुपए मानधन दिया जाता है। वही साहित्य व संस्कृति मंडल के अध्यक्ष को केवल 10 हजार रुपए ही मानधन दिया जाता है। इसी तरह भत्ते में भी भेदभाव हो रहा है। एक अध्यक्ष को 500 तो दूसरे को 300 रुपए भत्ता दिया जाता है। भाषा सलाहकार समिति के अध्यक्ष को केवल 7 हजार 500 रुपए मानधन दिया जाता है।  एक ही विभाग में कई समितियां व मंडल होते हैं। सभी की जिम्मेदारी अपने-अपने काम को आगे बढ़ाने की होता है। फिर भी किसी अध्यक्ष को महज 10 हजार आैर दूसरे अध्यक्ष को 50 हजार मानधन समझ से परे है। 

विश्वकोष मंडल अध्यक्ष के मानधन मंे वृद्धि, बाकी खाली हाथ
एक ही विभाग में ऐसा भेदभाव क्यों, यह सवाल आरटीआई एक्टिविस्ट अभय कोलारकर ने किया है। भाषा, साहित्य व  संस्कृति क्षेत्र को सरकार कम आंकती है क्या? यह सवाल भी उन्होंने किया। विश्वकोष मंडल के अध्यक्ष के मानधन में जून 2022 से वृद्धि  की गई है, जबकि भाषा सलाहकार समिति के अध्यक्ष के मानधन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। 

 


 

Created On :   5 Dec 2022 7:06 AM GMT

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