31 मार्च : जमा हुए सैकड़ों करोड़ के बिल
डिजिटल डेस्क, नागपुर। वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन 31 मार्च को विभिन्न सरकारी विभागों व कार्यालयों में हुए कार्यों के बिल स्वीकृति के लिए जिला कोषागार कार्यालय पहुंचे। करीब 100 शासकीय विभागों के 448 कार्यालयों के मार्फत सैकड़ों करोड़ के बिल रात 12 बजे तक कोषागार कार्यालय पहुंचे। सुबह से देर रात तक कोषागार कार्यालय में सक्रियता दिखाई दी। जिले में जितने विभाग हैं, उसके अधिकारी बिल संबंधी दस्तावेज व फाइलें लेकर पहुंच रहे थे। रात 11.57 बजे तक बिल स्वीकार कर उसे रात 12 बजे रिकॉर्ड में दर्ज किया गया।
150 करोड़ की राशि बांटी : बताया जाता है कि जिला नियोजन समिति (डीपीसी) की 150 करोड़ से अधिक की राशि विभिन्न विभागों में बांटी जा चुकी है। डीपीसी के लिए 678 करोड़ का फंड स्वीकृत किया गया है। बताया जा रहा है कि सरकार की ओर से सभी फंड समय पर नहीं पहुंचे हैं। शुक्रवार शाम तक करीब 55 हजार की राशि बांटी जा चुकी थी।
हैंग हुआ सिस्टम : मार्च के महीने में निधि व्यय के कार्य उच्चतम गति से किए जाते हैं। चूंकि सरकार ने विभिन्न विभागों को मार्च के अंत में ही राशि दे दी है, इसलिए विभागाध्यक्ष राशि को कहीं और डायवर्ट कर देते हैं और बिल बनाने का अधिकांश काम मार्च के अंत में ही हो जाता है। यदि 31 मार्च की तारीख से पहले राशि खर्च नहीं की जाती है, तो निधि सरकार को वापस चली जाती है। जिला परिषद में निधियों के संवितरण के लिए जेडपीएफएमएस प्रणाली अपनाई जा रही है। हालांकि दोपहर के समय सिस्टम हैंग होने से कर्मचारियों को काम करने दिक्कत हुई। बिल जमा करने के लिए 448 कार्यालयों से कर्मचारी व अधिकारियों की भागमभाग देखी गई। ठेकेदारों द्वारा जो काम किए गए, उसके बिल विभाग के माध्यम से आखरी दिन रात 12 बजे तक पहुंचना अनिवार्य होता है। इसके बाद यह बिल सरकार तक नहीं पहंुचता। इस साल भी करीब 1500 बिल कोषागार कार्यालय पहुंचने की खबर है।
Created On :   1 April 2023 2:24 PM IST