पिकनिक के लिए दौड़ रही मेट्रो की फीडर सेवा बस

Metros feeder service bus running for picnic
पिकनिक के लिए दौड़ रही मेट्रो की फीडर सेवा बस
आर्थिक स्थिति सुधारने की कवायद पिकनिक के लिए दौड़ रही मेट्रो की फीडर सेवा बस

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  नागपुर जिले में पिछले कुछ साल से मेट्रो रेल परियोजना पर काम चल रहा है। इस परियोजना की उपलब्धियों के साथ ही समय-समय पर कुछ नकारात्मक पहलू भी सामने आते रहे हैं। मेट्रो की परियोजना प्रोफाइल के अनुसार जिले के 19 रास्तों पर 160 किलोमीटर तक फीडर बस सेवा शुरू की जानेवाली थी। मार्च 2020 में ट्रायल के तौर पर एक बस अस्थायी ठेके पर ली गई थी। इस बस पर मेट्रो फीडर सेवा के नाम का साज-श्रृंगार किया गया। खापरी से लेकर मिहान तक एक महीने तक इस बस ने सेवा दी। अप्रैल महीने से यह सेवा बंद हो गई। बाद में कोराेना आ गया। अब यह बस मेट्रो के लिए नहीं, बल्कि पिकनिक मनानेवालों के लिए चल रही है।

साज-श्रृंगार किया लेकिन नहीं मिला प्रतिसाद
रविवार की सुबह इतवारी में मेट्रो फीडर बस खड़ी थी। बस के कंडक्टर से पूछा तो उसने बताया कि बस घोगरा महादेव जा रही है। एक परिवार को पिकनिक पर ले जा रही है। इस बात को जानकर अाश्चर्य हुआ, क्योंकि बस के चारों ओर मेट्रो फीडर सेवा का साज-श्रृंगार किया गया था। सवाल उठा कि मेट्रो फीडर सेवा देनेवाली बस आखिर पिकनिक पर कैसे जा रही है। इस बारे में बस संचालक से बात की तो पता चला कि इसका श्रृंगार मेट्रो ने ही किया है। मार्च 2020 में मेट्रो ने पहली फीडर बस सेवा खापरी से मिहान तक शुरू की थी। उद्देश्य यही था कि मिहान और बुटीबोरी स्थित कंपनियों के कर्मचारी इस बस में बैठकर खापरी मेट्रो स्टेशन तक जाए और वहां मेट्रो ट्रेन में बैठकर अपने गंतव्य तक पहुंच जाए। एक महीने तक बस मिहान और बुटीबोरी परिसर में घूमती रही। लेकिन बस को हर रोज केवल 4 से 10 तक ही यात्री मिल पाए। बस मालिक को सेवा के बदले 20 से 25 रुपए प्रति व्यक्ति किराया दिया जाने वाला था, लेकिन महीनाभर में प्रतिसाद नहीं मिला। अधिकतर कंपनियों में कर्मचारियों को लाने और छोड़ने के लिए स्वयं की बस होने से फीडर बस सेवा उस समय सफल नहीं हो पाई।

कोरोना आया तो बंद हुई बस 
मई महीने से सरकार व प्रशासन ने कोरोना से लाेगों को सुरक्षित रखने के लिए कई तरह का प्रतिबंध लगा दिया। बस सेवा भी बंद हो गई । इसका असर फीडर बस सेवा पर पड़ा। बस हमेशा के लिए बंद करनी पड़ी। संचालक के अनुसार मेट्रो को ही यात्री नहीं मिल रहे तो फीडर बस सेवा को यात्री मिलना मुश्किल हो चुका है। अब भी अधिकतर कंपनियां अपने कर्मचारियों से वर्क फ्राम होम कर रहे हैं। दूसरी ओर मेट्रो के संबंधित अधिकारियों की टीम कंपनियों में जाकर वहां के अधिकारियों को फीडर बस सेवा की जानकारी देकर इसका लाभ उठाने को कह रहे हैं। अब स्थिति सामान्य होने लगी है। यह उम्मीद जतायी जा रही है कि अब बस कंपनियों से ठेका अनुबंध कर नियमित रुप से फीडर सेवा शुरु की जा सकती है। तमाम कारणों के चलते मेट्रो फीडर बस सेवा के नाम से साज-श्रृंगार कर चुकी बस लोगों को पिकनिक पर ले जा रही है। 

वर्तमान में मेट्रो ट्रेन बर्डी इंटरचेंज से लोकमान्य नगर और कस्तुरचंद पार्क से खापरी तक दौड़ रही है। मेट्रो के 24 स्टेशन्स शुरु हो चुके हैं। रोज 20 किलोमीटर ट्रेन चल रही है। इसमें प्रतिदिन 28 हजार यात्री सफर कर रहे हैं। परियोजना में 19.658 किलाेमीटर का उत्तर दक्षिण कॉरिडोर में 18 स्टेशन्स और 18.557 पूर्व पश्चिम कॉरिडोर में 20 स्टेशनों का समावेश है। परियोजना पर कुल 8680 करोड़ रुपए अनुमानित राशि खर्च की जा रही है।

संचालक कहीं भी चला सकता है
मेट्रो फीडर बस सेवा खापरी से मिहान तक शुरू की गई थी। यह ठेका पद्धति पर चलाई गई थी। कोरोना आने से यह बंद करनी पड़ी। अब स्थिति सामान्य होने से फिर से सेवा में ली जाएगी। ठेका कंपनी हमें कोई भी दूसरी बस उपलब्ध कर दे सकती है। यह जरूरी नहीं कि उसी नंबर की या मेट्रो का नाम लिखी हो। फिलहाल फीडर बस बंद होने से वह बस संचालक कहीं भी दूसरे स्थानों पर चला सकता है। - अखिलेश हलवे, जनसंपर्क अधिकारी, महामेट्रो नागपुर

बुकिंग के हिसाब से चला रहे
फीडर बस सेवा शुरू करने के बाद एक महीने तक मिहान, बुटीबाेरी आदि परिसर में चलाई गई, लेकिन यात्री नहीं मिलने से समस्या हुई। अधिकतर कंपनियों के पास खुद की बसें हैं। उसी में कर्मचारी आना-जाना करते हैं। अब चर्चा है कि मेट्रो द्वारा फीडर बस सेवा को नियमित रूप से शुरूु किया जा सकता है। डेढ़ साल से कोरोना के चलते बस की मांग भी नहीं की गई। अपना खर्च निकालने के लिए दूसरे यात्रियों की बुकिंग के हिसाब से बस चलाई जा रही है।  -नवीन जरिया, बस संचालक
 

Created On :   15 Nov 2021 6:40 AM GMT

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