ई-लाइब्रेरी के लिए बनी इमारत में नगर पंचायत का राज,विद्यार्थी वंचित

Nagar Panchayat ruled in building for e-library, student deprived
ई-लाइब्रेरी के लिए बनी इमारत में नगर पंचायत का राज,विद्यार्थी वंचित
ई-लाइब्रेरी के लिए बनी इमारत में नगर पंचायत का राज,विद्यार्थी वंचित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को शिक्षा, अध्ययन व स्पर्धा परीक्षा में कोई परेशानी न हो, इस उद्देश्य को सामने रखकर कौशल विकास योजना के तहत मौदा में डेढ़ करोड़ की लागत से ई-लाइब्रेरी के लिए इमारत बनाई गई। लेकिन यहां विद्यार्थियों को जगह मिलने के पहले ही इमारत में मौदा नगर पंचायत का कार्यालय शुरू हो गया। लॉकडाउन में आॅफलाइन पढ़ाई बंद है आैर ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी स्मार्ट फोन खरीदने की स्थिति में नहीं हैं। इमारत में नगर पंचायत का राज होने से क्षेत्र के विद्यार्थी इस भव्य इमारत को देखकर केवल ई-लाइब्रेरी का सपना ही देख रहे हैं।

विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई से हो रहे वंचित
जिले के पूर्व पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के प्रयासाें से 2015 में मौदा में ई-लाइब्रेरी के लिए डेढ़ करोड़ की लागत से भव्य इमारत का निर्माण शुरू हुआ। इमारत का निर्माण कार्य 2017 में पूरा हुआ। इस बहुमंजिला इमारत में ई-लाइब्रेरी तो शुरू नहीं हुई, लेकिन नगर पंचायत मौदा ने अपना कार्यालय शुरू कर दिया। श्री संताजी स्कील डेवलपमेंट सेंटर व ई-लाइब्रेरी के लिए बनी इस इमारत में युवाआें या विद्यार्थियों के कौशल (स्कील) के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं हो सकी। लाॅकडाउन में आॅफलाइन पढ़ाई पूरी तरह बंद है। ग्रामीण के विद्यार्थी महंगे स्मार्ट फोन खरीदने की स्थिति में नहीं है। ऐसे समय अगर ई-लाइब्रेरी शुरू हुई तो ग्रामीण के युवाआें व विद्यार्थियों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है। दो साल से नगर पंचायत यहां काम कर रहा, लेकिन जिला प्रशासन ने भी इस आेर ध्यान नहीं दिया।

मनसे ने दी आंदोलन की चेतावनी 
मनसे ने दी आंदोलन की चेतावनी : महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना के मौदा प्रमुख मृणाल तिघरे ने तहसीलदार प्रशांत सांगडे को निवेदन देकर ई-लाइब्रेरी की इमारत पर अतिक्रमण करने का आरोप मौदा नगर पंचायत पर लगाया। स्कील डेवलपमेंट सेटर व ई-लाइब्रेरी मौदा में कहां है, ऐसा सवाल प्रशासन से किया। सभी के पास स्मार्ट फोन नहीं है आैर लाॅकडाउन में युवाआें व विद्यार्थियों के लिए ई-लाइब्रेरी किसी संजीवनी से कम नहीं है। ई-लाइब्रेरी शुरू नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। तहसीलदार श्री सांगडे ने पूरे मामले पर विचार करने का आश्वासन दिया है।

मुझे आए 4 माह हुए हैं
मुझे आए चार महीने ही हुए हैं। इमारत ई-लाइब्रेरी के लिए बनी थी यह बात दो साल पुरानी होने से इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है। ऑफिस में जाकर जानकारी लेने के बाद ही कुछ बताया जा सकता हूं। - कोमल कराले, मुख्याधिकारी नगर पंचायत मौदा
 

Created On :   29 Oct 2020 8:03 AM GMT

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