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नागपुर विमानतल निजीकरण मामला ठंडे बस्ते में
डिजिटल डेस्क, नागपुर। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल नागपुर के निजीकरण का मामला एक बार फिर ठंडे बस्ते में चला गया है। विमानतल के निजीकरण के लिए कई कर्मचारी तैयारी में जुटे हुए थे। सभी कर्मचारियों की नजर जीएसआर कंपनी पर बनी हुई थी कि, वह पुराने कर्मचारियों को कितनी प्राथमिकता देती है।
125 कर्मचारी होंगे प्रभावित
जानकारी के अनुसार मिहान इंडिया लिमिटेड में करीब 125 कर्मचारी हैं, जो निजीकरण से सीधे प्रभावित होंगे। इसमें 5-6 कर्मचारी नियमित हैं, जबकि 20 से 22 कर्मचारी ऐसे हैं, जो एमआईएल के साथ कांट्रैक्ट पर हैं। इसके अतिरिक्त 80 से अधिक कर्मचारी ऐसे हैं जो थर्ड पार्टी कांट्रैक्ट पर हैं। इन सभी कर्मचारियों में सबसे सुरक्षित नियमित कर्मचारी हैं। यदि विमानतल का निजीकरण होगा तो नियमित कर्मचारियों को कहीं और जगह शिफ्ट कर िदया जाएगा। एमआईएल के साथ कांट्रैक्ट वाले कर्मचारियों के सामने वैकल्पिक व्यवस्था रखी जाएगी कि, एमआईएल के साथ रहना चाहते हैं या फिर नई कंपनी के साथ काम करना चाहते हैं। वहीं, थर्ड पार्टी कांट्रैक्ट वाले कर्मचारियों के सामने एक ही विकल्प होगा कि, वह नई कंपनी के साथ काम करें, क्योंकि एमआईएल कंपनी का विमानतल पर काम खत्म हो जाएगा। विशेष बात यह है कि, उक्त नई कंपनी द्वारा इन कर्मचारियों के सामने चयन के लिए रखे जाने वाले मापदंड को ध्यान में रखकर वह तैयारियों में जुटे थे, लेकिन फिलहाल सब ठंडे बस्ते में चला गया है। कर्मचारियों का कहना है कि, जहां उन्हें बेहतर वेतन और विकल्प मिलेगा, वही उनके लिए सही रहेगा।
Created On :   19 Oct 2020 9:36 AM GMT