ब्लैक लिस्ट वाले स्कूलों को फिर बनाया एग्जाम सेंटर, पारदर्शिता पर उठ रहे सवाल

Black listed schools again became the center for the board exam: Nagpur
ब्लैक लिस्ट वाले स्कूलों को फिर बनाया एग्जाम सेंटर, पारदर्शिता पर उठ रहे सवाल
ब्लैक लिस्ट वाले स्कूलों को फिर बनाया एग्जाम सेंटर, पारदर्शिता पर उठ रहे सवाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में दसवीं और बारहवीं बोर्ड की एग्जाम्स शुरू होने जा रहे हैं। 21 फरवरी से 12वीं कक्षा और 10 मार्च से 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं शुुरू हो रही है। राज्य शिक्षा मंडल ने विद्यार्थियों को हॉल टिकट जारी कर दिए हैं, लेकिन इस बार कई ऐसे विवादित और दागदार छवि वाले स्कूलों में भी परीक्षा के केंद्र बनाए गए हैं। जहां खुद वहीं के विद्यार्थी परीक्षा देंगे। ऐसे में इन परीक्षा केंद्रों के कारण परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल उठाए जा रहे है। 

धड़ल्ले से होती है नकल
नियम है कि यदि किसी स्कूल के तीन किमी के दायरे में कोई दूसरा स्कूल नहीं हो, तो उसे होम सेंटर बना कर वहीं परीक्षा आयोजित कराई जाती है। लेकिन इसका गलत फायदा उठा कर केंद्रों में धड़ल्ले से नकल होती है। विधायक परिणय फुके और ओबीसी एनटी पार्टी ऑफ इंडिया ने बोर्ड की इस कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। संगठन के अनुसार, बोकारा स्थित सरस्वती कनिष्ठ महाविद्यालय ऐसा ही एक होम सेंटर है, जहां हर साल कई प्रकार की अनियमिताएं सामने आती हैं। इस केंद्र के विद्यार्थियों को किसी दूसरे और सुरक्षित केंद्र से परीक्षाएं दिलाने की मांग की गई है।

3.20 लाख से अधिक विद्यार्थी
इस बार 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के लिए नागपुर विभाग से 1 लाख 64 हजार 878 विद्यार्थियों ने आवेदन भरा है। ये विद्यार्थी विभाग के 690 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा देंगे। पिछले वर्ष 1 लाख 70 हजार 314 विद्यार्थियों ने 10वीं कक्षा की  परीक्षा दी थी। वहीं, इस बार 480 परीक्षा केंद्रों पर 12वीं कक्षा की परीक्षा होगी। इसके लिए 1 लाख 66 हजार 235 विद्यार्थियों ने आवेदन भरा है। पिछले वर्ष 1  लाख 1 लाख 64 हजार 627 विद्यार्थियों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था। 

पुख्ता इंतजाम का दावा
बोर्ड परीक्षा में नागपुर विभाग के लिए कुल 42 उड़नदस्ते तैयार किए गए है। इसमें शिक्षा विभाग के अधिकारियों से लेकर प्राचार्य शिक्षकों का समावेश है। जिला प्रशासन और विभागीय आयुक्त कार्यालय भी अपना उड़नदस्ता परीक्षा केंद्रों पर भेजता है। प्रत्येक दस्ते में अधिकतम 5 सदस्य हैं। 10वीं और 12वीं दोनों परीक्षाओं में घूमने के लिए बोर्ड एक उड़नदस्ते पर 16 हजार रुपए खर्च करता है। कुल मिलाकर 10वीं औैर 12वीं बोर्ड परीक्षा में बोर्ड 6 लाख 72 हजार रुपए खर्च करता है, लेकिन साल दर साल पकड़े जाने वाले नकलचियों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है। वर्ष 2014 में लागू हुए कॉपी मुक्त अभियान के बाद यह स्थिति उभर कर आई है। 

अब केंद्र नहीं बदल सकते, सुरक्षा बढ़ाएंगे
हमारे परीक्षा केंद्र निश्चित हो चुके हैं, इसलिए हम परीक्षा केंद्र में बदलाव नहीं कर सकते। हां, परीक्षा के दौरान इस केंद्र पर विशेष नजर रहेगी। अभी ऐसे कितने विवादित केंद्र हैं, इसकी सूची बना रहे हैं। वैसे तो नकल रोकना केंद्र प्रमुख की जिम्मेदारी होती है, फिर भी हम हमारी ओर से पूरे इंतजाम कर रहे हैं।   - रविकांत देशपांडे, विभागीय अध्यक्ष, राज्य शिक्षा मंडल नागपुर

पकड़े गए नकलचियों की संख्या इस प्रकार 

12वीं कक्षा
-वर्ष 2015 की परीक्षा में 1 लाख 43 हजार विद्यार्थियों में से 111 विद्यार्थी नकल करते मिले। 
-वर्ष 2016 में 1 लाख 63 हजार विद्यार्थियों में से 76 नकलचियों को पकड़ पाया। 
-वर्ष 2017 में 1 लाख 80 हजार 200 परीक्षार्थियों में से 154 नकल करते पकड़े गए थे।
-वर्ष 2018 में 1 लाख 74 हजार विद्यार्थियों में से 94 नकलची पकड़े गए थे। 

10वीं कक्षा
-वर्ष 2013 तक तो विभाग में खुब नकल होती थी, मगर 2014 के बाद के आंकड़े कुछ और ही गवाही दे रहे हैं। 
-वर्ष 2013 में भी 2 लाख 5 हजार विद्यार्थियों मंे से 519 नकल के मामले बोर्ड को मिले।
-वर्ष 2014 में 1 लाख 75 हजार परीक्षार्थियों मंे 226 नकलची धर दबोचे गए। 
-वर्ष 2015 में1 लाख 80 हजार विद्यार्थियों में से केवल 117 नकल के मामले पकड़ में आए।
-वर्ष 2016 की 10वीं बोर्ड परीक्षा मंे 1 लाख 78 हजार विद्यार्थियों मंे महज 109 नकलची उड़नदस्ते को मिले।

Created On :   4 Feb 2019 5:20 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story