जनार्दन मून पर 10 हजार जुर्माना

डिजिटल डेस्क, नागपुर। 20 मार्च से शहर में होने जा रही सिविल 20 (सी-20) बैठक के कामकाज पर आपत्ति लेती एक याचिका को सोमवार को हाई कोर्ट ने निराधार करार देते हुए याचिकाकर्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (ऑनलाइन) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जनार्दन मून पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। नागपुर खंडपीठ के न्या. अतुल चांदुरकर व न्या. एम. डब्ल्यू. चांदवानी ने याचिका खारिज करते हुए मून के खिलाफ जुर्माना लगाया। याचिकाकर्ता की ओर से अधि. अश्विन इंगोले और मनपा की ओर से अधि. जैमिनी कासट ने पैरवी की।
यह है पूरा मामला : याचिकाकर्ता का कहना था कि 20 मार्च को नागपुर में होने जा रही सी-20 के कामकाज के लिए कोई टेंडर प्रक्रिया आयोजित नहीं की गई। यह सारा काम मुंबई स्थित रामभाऊ म्हालगी प्रबोधनी नामक संस्थान को दे दिया गया। इस संस्था का संबंध सत्ताधारी पार्टी भाजपा से है। राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस स्वयं इस संस्था के अध्यक्ष हैं। इस पर करदाताओं का पैसा खर्च हो रहा है। अत: इसकी जांच करने के आदेश देने का अनुरोध याचिका में किया गया था।
याचिकाकर्ता की दलीलों के बाद अदालत ने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता ने सोसाइटी को पंजीकृत करने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है, लेकिन अब तक सोसाइटी को पंजीकृत नहीं किया गया। अदालत ने आदेश में कहा कि सी-20 के लिए करदाताओं के पैसों का दुरूपयोग होने के कोई भी पुख्ता दस्तावेज नहीं है। केंद्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि 20 मार्च से होने जा रही जी-20 की बैठक के लिए आम व्यक्ति पर इसका कोई बोझ नहीं पड़ रहा है। याचिकाकर्ता की सोसाइटी के पंजीयन को लेकर असि. रजिस्ट्रार सोसाइटी की ओर से 4 अक्टूबर 2017 को दिए आदेश पर भी अदालत का ध्यानाकर्षित किया गया, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रूप में पंजीयन का आवेदन ठुकरा दिया गया है।
Created On :   14 March 2023 10:52 AM IST