इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में हो सकता है बदलाव

nagpur in Engineering courses may change
इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में हो सकता है बदलाव
इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में हो सकता है बदलाव

डिजिटल डेस्क, नागपुर।   अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा कुछ समय पूर्व सुझाए गए इंजीनियरिंग के नए पाठ्यक्रम ने प्राध्यापकों की धड़कनें बढ़ा दी है। नए पाठ्यक्रम में क्रेडिट पाइंट घटाए जाने से बेसिक साइंस के प्राध्यापकों की नौकरी ही खतरे में बताई जा रही है। 

सबसे बड़ा कारण यह 
पूर्व में प्रदेश के इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम में 200 से 225 क्रेडिट पाइंट थे। प्रत्येक सेमेस्टर में तीन से चार प्रैक्टिकल करने होते थे। अब यही क्रेडिट पाइंट घटा कर 160 कर दिए गए हैं। ऐसे में प्रत्येक सेमेस्टर में एक से दो प्रैक्टिकल ही होंगे। 15 क्रेडिट प्रोजेक्ट और सेमिनार को दिए गए हैं। ऐसे में प्रत्येक सेमेस्टर में कोर विषय कम हुए हैं, जिससे प्राध्यापकों की धड़कनें बढ़ी हुई है।

दोबारा शुरू हुई हैं तैयारियां : दरअसल, करीब ढाई वर्ष पूर्व एआईसीटीई ने नागपुर विवि को इंजीनियरिंग का अपडेटेड पाठ्यक्रम भेजा था। तब बोर्ड ऑफ स्टडीज का गठन नहीं होने से नया पाठ्यक्रम लागू नहीं किया जा सका था। इसके बाद जब से बोर्ड ऑफ स्टडीज का गठन हुआ, इंजीनयरिंग के नए पाठ्यक्रम लागू नहीं किए गए। कुछ सदस्यों ने इसमें तकनीकी खामियां निकाली थी। /यूनिवर्सिटी में नए पाठ्यक्रम को तैयार करते वक्त बोर्ड पर एक इंडस्ट्री एक्सपर्ट को लिए जाना था। इसके लिए जब कार्यशाला ली गई तो प्राध्यापकों ने इसमें कोई खास रुचि नहीं दिखाई। ऐसे में तब यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया था। बीते एक वर्ष में इस विषय को लेकर कोई बैठक भी नहीं हुई। नए कुलगुरु डॉ.सुभाष चौधरी ने हाल ही में फिर इस पर तैयारियां शुरू की हैं।  

Created On :   31 Aug 2020 4:28 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story