- Home
- /
- पल्लवी को मिलेगी जीवनभर इन्सुलिन
पल्लवी को मिलेगी जीवनभर इन्सुलिन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। साइलेंट किलर के नाम से प्रचलित मधुमेह अब बच्चों को भी अपनी चपेट में लेने लगा है। ऐसा ही गरीब परिवार से जुड़ा एक मामला सामने आया है। मधुमेह से पीड़ित 14 वर्षीय बालिका के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण सेवा फाउंडेशन और एक समाजसेवक ने दवा के खर्च की जिम्मेदारी ली है।
हर महीने 2 से 3 हजार का खर्च : वर्धा जिले के आष्टी गांव में रहने वाली 14 साल की पल्लवी सातवीं कक्षा में पढ़ती है। उसके पिता तुलसीदास नेहारे व मांं खेत में मजदूरी करते हैं। तीन बहनों में से एक दिव्यांग है। पिछले साल से पल्लवी को अचानक चक्कर आना, बेहोश होना, थकान आना, नजरें कमजोर होना आदि लक्षण दिखाई देने लगे। पिता ने उसे समीप के डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने पल्लवी को नागपुर के एक निजी अस्पताल में भेजा, तब उसे मधुमेह होने की बात सामने आई। पल्लवी की तबीयत में सुधार के लिए पिता ने अस्पतालों के चक्कर लगाना शुरू किया। निजी अस्पतालों में इन्सुलिन का हर महीने का खर्च 2 से 3 हजार रुपए आता था। इसलिए परिवार के सामने आर्थिक समस्या पैदा हुई।
मेडिकल में भर्ती करवाया
कुछ दिन बाद ही उसका उपचार बंद कर दिया गया। इसके कारण पल्लवी की तबीयत ज्यादा खराब हुई। किसी के बताने पर उसे तुरंत मेडिकल में लाया गया। पिछले दो महीने से मेडिकल में वह भर्ती थी। गरीबी के चलते तुलसीदास के लिए पल्लवी हेतु बाहर से दवा खरीद पाना संभव नहीं था। मेडिकल में मरीजों की सेवा के लिए काम करने वाली संस्था सेवा फाउंडेशन ने उसका उपचार, दवा व अन्य जांच अपनी तरफ से करवाई। अब उसे इन्सुलिन जीवनभर लेना होगा। फाउंडेशन द्वारा उसे हर महीने डेढ़ हजार रुपए के इन्सुलिन खरीद कर दिए जाएंगे, लेकिन इन्हें रखने के लिए फ्रिज की आवश्यकता होती है। इसलिए फाउंडेशन ने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को आह्वान किया। उनके आह्वान पर धानोरा जिला गड़चिरोली की संस्था ने फ्रिज के लिए निधि संगृहीत कर पल्लवी को फ्रिज खरीदकर दिया। नंदकिशोर देशमुख नामक व्यक्ति ने हर महीने इन्सुलिन का खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली है।
Created On :   2 May 2022 8:33 AM GMT