नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेस-वे, मुआवजे के लिए अड़े 210 किसान

Nagpur-Mumbai Prosperity Express-Way, farmers protest for Compensation
नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेस-वे, मुआवजे के लिए अड़े 210 किसान
नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेस-वे, मुआवजे के लिए अड़े 210 किसान

डिजिटल डेस्क, अमरावती। नागपुर  मुंबई समृद्धि महामार्ग के लिए अपनीी जमीन देने वाले किसान सरकार से पहले मुआवजे के लिए अड़ गए हैं।  बता दें कि इस एक्सप्रेस हाईवे के तहत  जिले के 210 किसानों की जमीन से यह रास्ता गुजरने वाला है, लेकिन किसानों की बाधित होने वाली जमीन के बदले सरकार ने उन्हें मुआवजा व रहने के लिए घर भी देने का आश्वासन दिया है, किंतु कुछ किसानों ने अब इसी आश्वासन से मुंह फेरते हुए पहले मुआवजा देने की मांग की है, जिससे सरकार के समक्ष एक और चुनौती आन खड़ी हुई है।

किसान कहते हैं -चक्कर काटने के बाद भी नहीं मिलता मुआवजा
बता दें कि समृद्धि महामार्ग बनना इतना आसान भी नहीं दिख रहा है। सरकार भले ही इसे अब तक व्यापार क्षेत्र से जोड़ते आयी है, ताकि नागपुर से मुंबई एक्सप्रेस हाईवे बनने के बाद अमरावती से मुंबई जाने के लिए लगने वाले 12 घंटे का सफर यह 8 घंटे में ही किया जा सकेगा। जिससे स्थानीय किसान अपने खेतमाल आसपास की मंडियों में बेच सकेंगे। यह मार्ग बनाने के लिए जिले के 210 किसानों की जमीन से यह मार्ग निर्मित किया जाना है। जिसके लिए सरकार ने पहले ही बाधित जमीन के बजाय किसानों को मुआवजे की रकम व रहने के लिए विशेष स्कॉड निर्मिति का ऐलान पालकमंत्री प्रवीण पोटे ने किया था। जिसके बाद अधिकारियों व्दारा सर्वे शुरू किया गया, लेकिन किसान इस बात से सहमत होकर जमीन देने के लिए तैयार थे। परंतु किसानों ने अब लंबे समय के बाद मुंह मोड़ लिया है।

विविध प्रकल्पों के नाम पर पहले भी हड़पी गई जमीन
किसानों का कहना है कि इसके पहले भी विविध प्रकल्पों के लिए किसानों की जमीन हड़प ली है, जहां बड़े-बड़े आश्वासनों का मंत्र गरीब किसानों पर फूंकते हुए बाद में सालों साल उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं लेकिन फूटी-कौड़ी भी नसीब नहीं होती है। इसलिए सरकार का यह प्रकल्प हमें मंजूर है, किंतु हमारी जमीन बाधित होने से पहले हमें मुआवजा दिया जाए, अन्यथा हम इस प्रस्ताव को नामंजूर करते हैम। यह फैसला किसानों व्दारा लेते ही सरकार के समक्ष फिर से एक चुनौती खड़ी हो चुकी है। जिसके बाद जिलाधीश से लेकर पालकमंत्री तक किसी ने भी इस मामले को लेकर सफाई नहीं दी है। आगामी सप्ताह इस विषय को लेकर बैठक हो सकती है।

Created On :   3 March 2018 10:56 AM GMT

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