नागपुर यूनिवर्सिटी ने एग्जाम के 50-50 पैटर्न पर शुरू किया मंथन

Nagpur University starts brainstorming on 50-50 pattern of exam
नागपुर यूनिवर्सिटी ने एग्जाम के 50-50 पैटर्न पर शुरू किया मंथन
नागपुर यूनिवर्सिटी ने एग्जाम के 50-50 पैटर्न पर शुरू किया मंथन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय प्रशासन एक बार फिर से परीक्षा के 50-50 पैटर्न को लागू करने पर मंथन कर रहा है। इस पैटर्न के तहत आधे सेमेस्टर की परीक्षा कॉलेजों को सौंपी जाती है। पूर्व कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थ विनायक काणे ने परीक्षा का कार्यभार कम करने के उद्देश्य से यह पैटर्न सामने लाया था, लेकिन कॉलेजों के विरोध के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका था। हाल ही में विवि मैनेजमेंट काउंसिल की हुई बैठक में इस 50-50 पैटर्न को लागू करने पर दोबारा चर्चा हुई है। डॉ. काणे के कार्यकाल में डॉ. दिलीप पेशवे की समिति द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट पर विवि दोबारा विचार करने जा रहा है। 

साल बीत जाता है तैयारी में
उल्लेखनीय है कि नागपुर विवि के अंडर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में सेमेस्टर प्रणाली लागू है। ऐसे में विश्वविद्यालय एक वर्ष में दो बार परीक्षा लेता है, लेकिन पाठ्यक्रम और विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने से लगभग पूरा साल परीक्षा और उसकी तैयारी में बीत जाता है। इसी वर्क लोड को कम करने के लिए 50 प्रतिशत परीक्षा कॉलेजों को सौंपने पर विचार किया गया था। इसके तहत पहले, तीसरे और पांचवें सेमेस्टर की परीक्षा कॉलेज द्वारा और दूसरे, चौथे और छठवें सेमेस्टर की परीक्षा विश्वविद्यालय द्वारा लेने का प्रस्ताव था। 

ठंडे बस्ते में  थी योजना
प्रस्ताव में लॉ, फार्मेसी, इंजीनियरिंग जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को शामिल नहीं किया गया था, लेकिन अन्य सभी पाठ्यक्रम इसमें शामिल थे। उस वक्त प्राचार्य फोरम ने इसका तीव्र विरोध किया था। कॉलेजों की ओर से प्रतिसाद नहीं मिलने के कारण यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी। अब कोरोना संक्रमण के पिछले एक वर्ष में विवि ने कॉलेजों को कुछ परीक्षा सौंपी। ऐसे में अब 50-50 पैटर्न दोबारा चर्चा में आ गया है।
 

Created On :   19 April 2021 4:39 AM GMT

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