देवघर के बाबा वैद्यनाथ मंदिर में पूजा करने वाले पहले पीएम बने नरेंद्र मोदी, 1934 में यहां गांधी ने किया था सत्याग्रह

Narendra Modi became the first PM to worship at Baba Vaidyanath temple in Deoghar, in 1934 Gandhi did Satyagraha here
देवघर के बाबा वैद्यनाथ मंदिर में पूजा करने वाले पहले पीएम बने नरेंद्र मोदी, 1934 में यहां गांधी ने किया था सत्याग्रह
झारखंड देवघर के बाबा वैद्यनाथ मंदिर में पूजा करने वाले पहले पीएम बने नरेंद्र मोदी, 1934 में यहां गांधी ने किया था सत्याग्रह

डिजिटल डेस्क,  देवघर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देवघर के प्रसिद्ध बाबा वैद्यनाथ मंदिर और इसी परिसर में स्थित मां पार्वती के मंदिर में पूजा-अर्चना की। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शंकर के 12 ज्योतिलिंर्गों में से देवघर के बाबा वैद्यनाथ एक हैं। इसकी प्रसिद्धि मनोकामना ज्योतिलिर्ंग के रूप में है। नरेंद्र मोदी यहां पूजा करनेवाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं। हालांकि इंदिरा गांधी ने भी इस मंदिर में पूजा-अर्चना की थी, लेकिन तब वह प्रधानमंत्री नहीं थीं।

प्रधानमंत्री लगभग तीन बजे बाबा वैद्यनाथ के गर्भगृह में पहुंचे। उन्होंने सुल्तानगंज की उत्तर वाहिनी गंगा से लाये गये जल, दूध, पंचामृत के साथ ज्योतिलिर्ंग का अभिषेक किया और इसके बाद मंत्रोच्चार के बीच फूल, बेलपत्र, मदार, धतूरा अर्पित किया। फिर आरती और क्षमा प्रार्थना की। मंदिर गर्भगृह में उन्हें मुख्य पंडा ने अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। बाद में देवघर कॉलेज मैदान में जनसभा संबोधन के दौरान के भी प्रधानमंत्री ने कहा कि वह यहां आकर अभिभूत हैं। देवघर ज्योतिलिर्ंग और शक्तिपीठ का दर्शन कर वह खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि देवघर में 14 जुलाई से महीने भर तक चलने वाले विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेले की भी शुरूआत हो रही है। बिहार के सुल्तानगंज से लेकर झारखंड के देवघर तक 108 किलोमीटर के क्षेत्र में चलनेवाला यह एशिया का सबसे लंबा मेला क्षेत्र माना जाता है।

देवघर का यह अतिप्राचीन मंदिर बीते कई सौ वर्षों से आस्था का केंद्र रहा है। पंडा देवघर में धर्मरक्षिणी समाज के उपाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्रा ने कहा कि पौराणिक मान्यताओं में देवघर को हृदयापीठ कहा जाता है क्योंकि यहां मां सती का हृदय गिरा था। श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां सच्चे मन से उपासना करने से हर मनोकामना पूरी होती है।

महान आध्यात्मिक संत रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद ने भी देवघर में बाबा बैद्यनाथ की पूजा की थी। स्वामी विवेकानंद पहली बार 1887 में देवघर आए थे। बताते हैं कि स्वामी विवेकानंद उन दिनों बेहद अस्वस्थ थे। उनके सहयोगियों ने स्वास्थ्य लाभ के लिए देवघर जाने की सलाह दी थी। इसके बाद भी वह दो-तीन बार यहां आये।

मंदिर के इतिहास पर शोध करने वाले सुनील झा बताते हैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी दो बार देवघर आये थे। पहली बार 1925 और दूसरी बार 1934 में। उन दिनों इस मंदिर में वर्ण और जाति के आधार पर विभेद की व्यवस्था बना दी गयी थी। निम्न मानी जाने वाली जातियों के लोगों को मंदिर के गर्भगृह के भीतर प्रवेश नहीं करने दिया जाता था। महात्मा गांधी को जब यह बात पता चली थी तो उन्होंने सत्याग्रह करके मंदिर में सभी वर्ग के लोगों का प्रवेश सुनिश्चित कराया था।

देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ लेने के कुछ महीनों बाद यहां पहुंचकर पूजा की थी। पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और वर्तमान रामनाथ कोविंद ने भी यहां पूजा की थी।

 

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Created On :   12 July 2022 12:00 PM GMT

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