अरब सागर में अहम प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए नौसेना ने किया ऑपरेशन प्रस्थान
डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के करीब अरब सागर में स्थित तेल प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की जांच के लिए भारतीय नौसेना ने राज्य सरकार और सिविल (नागरिक) एजेंसियों के साथ मिलकर 'प्रस्थान' अभ्यास किया। इसके तहत किसी भी आपात स्थित में आपसी तालमेल के साथ राहत और बचाव कार्य कैसे किए जाएंगे इसका अभ्यास किया गया। नौसेना दूसरी एजेंसियों के साथ मिलकर हर छह महीने में ऑपरेशन प्रस्थान आयोजित करती है। सुरक्षा जांच के लिए अलग-अलग प्रतिष्ठानों का चुनाव किया जाता है। नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन मेहुल कार्णिक ने बताया कि प्रस्थान एक्सरसाइज में ओएनजीसी, पुलिस, कस्टम्स, बांबे पोर्ट ट्रस्ट, लाइट हाउस एथॉरिटी, जहाज रानी मंत्रालय जैसी कई एजेंसियां शामिल हुईं। प्रस्थान के दौरान आतंकी हमले, धमका, हादसे जैसी स्थितियों में राहत और बचाव एक दूसरे के साथ मिलकर किस तरह तेज गति से किया जा सकता है इसका अभ्यास किया गया। अभ्यास में नौसेना, वायुसेना, तटरक्षक बल, ओएनजीसी, जहाजरानी मंत्रालय की जहाजों और हेलीकॉप्टरों ने हिस्सा लिया। इस बार मुंबई के समुद्र तट से 30 नॉटिकल मील की दूरी पर स्थित ग्रेट ड्रिल छाया प्लेटफॉर्म के आसपास प्रस्थान अभ्यास किया गया।
कार्णिक ने बताया कि ऑयल प्लेटफॉर्म के लिए पहले से नियम बनाए गए हैंं अभ्यास के दौरान इस बात की जांच की जाती है कि नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के दौरान नौसेना, कोस्टगार्ड, एयरफोर्स को क्या-क्या करना है इसके भी नियम बने हुए हैं। आग लगने, मेडिकल आपातकाल की स्थिति में बचाव कैसे करना है इसका भी अभ्यास किया गया। बता दें कि देश में हुए सबसे भीषण आतंकी हमले 26/11 के दौरान आतंकी समुद्री रास्ते से ही मुंबई में दाखिल हुए थे। इसके अलावा अरब सागर में स्थित तेल प्रतिष्ठानों की सुरक्षा भी बेहद अहम है। इसे निशाना बनाकर आतंकी देश को बड़ा आर्थिक और सामरिक नुकसान पहुंचा सकते हैं इसीलिए यह अभ्यास अहम था। बता दें कि हाल ही में मधुआरों की एक नाव तेल प्रतिष्ठान के बेहद नजदीक पहुंच गई थी। यही नहीं नौसेना की जांच में मछुआरों ने यह कहकर हड़कंप मचा दिया कि नाव पर दो पाकिस्तानी नागरिक सवार है। हालांकि जांच में दावा झूठा निकला। लेकिन झूठी जानकारी देने के मामले में नाव पर सवार 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में कार्णिक ने कहा कि मछुआरों को पहले से यह जानकारी दी गई है कि उन्हें तेल प्रतिष्ठानों से कितनी दूरी बनाकर रखनी है लेकिन कई बार रडार और दूसरे उपकरण न होने के चलते उनसे गलती हो जाती है। लेकिन नौसेना प्रतिबंधित इलाकों में दाखिल होने पर तुरंत मछुआरों को चेतावनी देती है। इस मामले में भी तेचावनी दी गई थी लेकिन नाव पर सवार कुछ लोगों ने झूठी जानकारी दी जिसकी जांच पुलिस कर रही है।
Created On :   8 April 2023 8:01 PM IST