अब रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले बनाने की बाट जोह रहे कारीगर , संकट बरकरार

Now the artisans are waiting for making effigies of Ravana, Kumbhakarna and Meghnad, the crisis continues
अब रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले बनाने की बाट जोह रहे कारीगर , संकट बरकरार
अब रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले बनाने की बाट जोह रहे कारीगर , संकट बरकरार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गणेश उत्सव सन्नाटे में बीत गया, दशहरे पर भी कोरोना संक्रमण का साया बरकरार है। पिछले 50-60 वर्षों से रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले बनाने वाले कारीगरों को इस वर्ष एक भी ऑर्डर नहीं मिला है। तीन पीढ़ियों से पुतला बनाने वाले कारीगर खाली बैठे हैं। 

कारोबार इस बार नहीं
कारीगर खेमकरण बिनवार ने बताया कि हमारी तीन पीढ़ियों से यह कारोबार चला आ रहा है, मगर इस बार एक भी ऑर्डर नहीं मिला है। पुतला बनाने के लिए कारीगर बाहर से भी आते हैं। हम रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले बनाते हैं। प्रति फुट डेढ़ से तीन हजार लेते हैं। शहर में सबसे बड़ा रावण का पुतला कस्तूरचंद पार्क में जलाया जाता है, जो करीब 60-70 फीट का होता है। इसके अलावा रेशमबाग, चिटणीस पार्क, राजाबाक्षा, गिट्टीखदान, अजनी के लिए ही नहीं, सावनेर, वर्धा, सिवनी, छिंदवाड़ा के लिए भी ऐसे पुतले बनाते हैं। शहर के कई और कलाकार भी इस कारोबार से जुड़े हैं। कोरोना के कारण यह कारोबार इस बार एकदम ठप है। 

पहली बार ऐसा हुआ
 खेमकरण ने बताया कि मेरा भाई अमर और करीब 12 कारीगर शहर के विभिन्न स्थानों के लिए 30-40 पुतलों का निर्माण करते हैं। कोरोना के कारण इस बार एक भी ऑर्डर नहीं मिला है। सालभर की आजीविका का बड़ा हिस्सा हम कमा लेते थे, इस बार कोई ऑर्डर नहीं मिला है। हम 30-40 वर्ष से इस काम में हैं। ऐसा समय पहली बार हुआ है, जब हम एकदम खाली हैं।  

7 से 70 फीट तक के पुतले बनाते हैं
चार महीने का समय कैसे बीत जाता था, पता ही नहीं चलता था। 7 से 70 फीट के पुतले हम बनाते हैं। कोरोना महामारी ने हम कारीगरों के पेट पर लात मारी है। लगता है इस वर्ष सभी त्योहार और उत्सव बेरौनक ही रहेंगे।  

इस तरह खंडित नहीं होगी परंपरा
खेमकरण चाहते हैं कि जिस तरह गणेश उत्सव के लिए सरकार ने मूर्ति का साइज फिक्स किया था, उसी तरह इन पुतलों के लिए भी साइज फिक्स कर दिया जाए। इसका एक कारण यह है कि वर्षों की परंपरा खंडित नहीं होगी और हमारा आर्थिक संकट भी कुछ हद तक दूर होगा। समय रहते हुए इस तरह का गाइड लाइन आता है, तो हम अभी भी काम शुरू कर देंगे।  

 

Created On :   25 Sep 2020 5:53 AM GMT

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