अब दूसरे डोज के लिए जद्दोजहद, कोरोना योद्धाओं को झेलनी पड़ रही परेशानी

Now the fight for the second dose, the Corona warriors are facing trouble
अब दूसरे डोज के लिए जद्दोजहद, कोरोना योद्धाओं को झेलनी पड़ रही परेशानी
अब दूसरे डोज के लिए जद्दोजहद, कोरोना योद्धाओं को झेलनी पड़ रही परेशानी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना वैक्सीनेशन के पहले चरण में कोरोना वॉरियर को प्राथमिकता दी गई। वैक्सीन लगाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया गया। पहले वैक्सीन के लिए एसएमएस भेजकर वैक्सीनेशन सेंटर और समय की सूचना दी गई। 28 दिन बाद दूसरा वैक्सीन लगाना था, लेकिन पहला वैक्सीन लगाने वालों को दूसरे वैक्सीन के लिए कोई सूचना नहीं मिल रही है। यहां तक कि वैक्सीन सेंटर पर जाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अब स्थिति यह है कि कोरोना मरीजों की जान बचाने के लिए दिन-रात एक करने वाले कोरोना वॉरियर को वैक्सीन लगवाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। ईएसआईसी अस्पताल के वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन लगाने गए दो डॉक्टर ने सुनाई आपबीती हैरान करने वाली है। 

कोई सुनवाई नहीं, असभ्य बर्ताव
डाॅ. सुनील बजाज, उम्र 62 वर्ष है। कोरोनाकाल में मनपा ने उनके अस्पताल को कोरोना डेडिकेटेड केयर अस्पताल घोषित किया। प्रतिदिन सैकड़ों मरीजों का इलाज किया। कोरोना वॉरियर के लिए वैक्सीन आने पर खुद के साथ संपूर्ण स्टाफ का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया। पहला डोज 5 फरवरी को ईएसआईसी अस्पताल में लिया। वैक्सीनेशन के लिए उनके मोबाइल पर एसएमएस आया था। उसमें वैक्सीनेशन सेंटर और समय की सूचना दी गई।

कोई जिम्मेदार बात करने को तैयार नहीं 
28 दिन बाद दूसरा डोज लेना था, लेकिन अभी तक कोई एसएमएस या सूचना नहीं मिली। नेहरू नगर के जोन स्वास्थ्य अधिकारी से बात करने पर टालमटोल जवाब मिला। गुरुवार को स्वयं ईएसआईसी अस्पताल पहुंचे। भारी भीड़, सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही हैं। दूसरा डोज लेने के लिए पहुंचे लोगों की कोई सुनवाई नहीं। जिम्मेदारों ने हाथ खड़े कर दिए। पूछताछ करने पर कहा गया कि अस्पताल के पूरे स्टाफ का एक साथ वैक्सीनेशन नहीं हो पाएगा। एक दिन में 1 या 2 व्यक्ति ही भेजें। 

ऐसी विडंबना 
जिन्होंने जान की परवाह किए बिना कोरोना मरीजों को सेवा दी, उन्हें वैक्सीन लगाने के लिए 4-6 घंटे इंतजार करने के बाद दूसरे दिन आने के लिए कहकर वापस लौटाया जा रहा है। 

दु:ख होता है
कतार में खड़े अनेक स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि 3-4 दिन से रोज आकर वापस जा रहे हैं। कोरोना वॉरियर को वैक्सीन लगाने के लिए इस तरह के व्यवहार से वे दु:खी हैं। 

3 घंटे संघर्ष के बाद लगा टीका 
3 फरवरी को पहला डोज उमरेड रोड स्थित जाफरी अस्पताल के वैक्सीनेशन सेंटर में लिया था। दूसरा डोज 3 मार्च को मिलना अपेक्षित था। इसकी मोबाइल पर कोई सूचना नहीं मिलने पर अस्पताल से संपर्क किया। पता चला कि वहां से वैक्सीनेशन सेंटर बंद कर दिया गया है। मनपा के जोन कार्यालय से संपर्क करने के लिए कहा गया। 

पहले तो साफ मना कर दिया 
जोन कार्यालय से ईएसआईसी अस्पताल के सेंटर पर जाने के लिए कहा गया। 2 फरवरी को वहां पहुंचे। उस समय बताया गया कि 7 दिन के अंदर किसी भी दिन आकर वैक्सीन ले सकते हैं। गुरुवार को वैक्सीन लगवाने गया। पहले तो दूसरा डोज देने से साफ मना कर दिया गया। 

बहस करते हैं कर्मचारी 
वैक्सीनेशन वाले कमरे में 10 से 15 लोगों को बैठाया गया था। अन्य लोगों की बाहर भीड़ लगी थी। उनके बैठने की व्यवस्था तक ठीक से नहीं। अंदर और बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं। कर्मचारियों का बर्ताव भी ठीक नहीं है। दोपहर 2 बजे पहुंचने पर कहा गया कि सुबह क्यों नहीं आए। अभी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इसे लेकर बहस हो गई। 3 घंटे संघर्ष के बाद शाम 5 बजे उन्हें और उनके अन्य 4 सहयोगियों को वैक्सीन लगाई गई। 

भारी मारामारी 
2 मार्च को उनकी माता को दूसरा डोज देने के लिए ले गए थे। सर्वर डाउन रहने से दूसरे दिन आने के लिए कहा गया। जैसे-तैसे वैक्सीन तो लगा दिया, लेकिन अभी तक एप तथा वेबसाइट पर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट डाउनलोड नहीं हुआ है। 

 

Created On :   5 March 2021 6:17 AM GMT

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