अब आश्रमशाला के विद्यार्थियों के पोषाहार की आधुनिक उपकरण से होगी जांच

Now the nutrition of the students of the Ashramshala will be checked with modern equipment
अब आश्रमशाला के विद्यार्थियों के पोषाहार की आधुनिक उपकरण से होगी जांच
तोड़सा आश्रमशाला का पायलट उपक्रम के लिए चयन  अब आश्रमशाला के विद्यार्थियों के पोषाहार की आधुनिक उपकरण से होगी जांच

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली । सरकार द्वारा आरंभ किए गए आश्रमशालाओं में विद्यार्थियों को निवासी रूप में शिक्षा प्रदान की जाती है। शिक्षारत विद्यार्थियों को भोजन भी उपलब्ध करवाया जाता है। यह भोजन पोषक होने का दावा लगातार होता आ रहा है, लेेकिन आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में कुपोषण का प्रमाण कम होता नजर नहीं आ रहा है। कुपोषण के प्रमाण को कम करने विद्यार्थियों को सभी गुणवत्तायुक्त पोषाहार वितरण करने की आवश्यकता है। इसी उद्देश्य को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने विद्यार्थियों को बांटे जाने वाले आहार की उपकरणों की मदद से जांच करने का अभियान शुरू किया है। इस अभियान के लिए राज्य के एकमात्र गड़चिरोली जिले की एटापल्ली तहसील के तोड़सा स्थित सरकारी आश्रमशाला का चयन किया गया है  इस आश्रमशाला में अब प्रतिदिन विद्यार्थियों के बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) का निरीक्षण उपकरणों के माध्यम से किया जा रहा है। साथ ही प्रति दिन भोजन के पोषण मूल्यों के साथ तापमान की अचूक जानकारी भी विशेष उपकरणों की मदद से ली जा रही है। 

बता दें कि, आज के विद्यार्थी देश के आधारस्तंभ कहलाते हंै। विद्यार्थियों को प्रभावी शिक्षा दिलाने के साथ कुपोषण को कम करने के लिए सरकार द्वारा सरकारी अाश्रमशालाएं आरंभ कर यहां विद्यार्थियों को पोषक आहार उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस आहार के पोषक मूल्यों व तापमान की जानकारी समय-समय पर लेने और विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की जांच निरंतर कराने के अलावा विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के विकास की जानकारी लेने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने जोमैटो फीडींग इंडिया उपक्रम के साथ करार किया है। इस उपक्रम के लिए महाराष्ट्र सरकार ने प्रायोगिक तत्व पर एटापल्ली तहसील की तोड़सा स्थित सरकारी आश्रमशाला का चयन किया है। इस आश्रमशाला में अब जोमॅटो फीडींग इंडिया के माध्यम से भोजन के पोषक मूल्यों समेत फेशियल रेकग्निशन उपकरण की मदद से विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जांच करवायी जा रही है। सरकार द्वारा आरंभ किए गए उपक्रम के चलते जिले का कुपोषण कम होने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है।
 

Created On :   3 March 2023 1:00 PM IST

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