अब काटोल, नरखेड़ का संतरा जाएगा विदेश,ढिवरवाड़ी में सिट्रस सेंटर को मंजूरी

Now the orange of Katrol, Narkhed will go abroad, Citrus Center approved in Dhirwadi
अब काटोल, नरखेड़ का संतरा जाएगा विदेश,ढिवरवाड़ी में सिट्रस सेंटर को मंजूरी
अब काटोल, नरखेड़ का संतरा जाएगा विदेश,ढिवरवाड़ी में सिट्रस सेंटर को मंजूरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। काटोल व नरखेड़ तहसील के संतरों को बिक्री के लिए विदेश में पहुंचाया जाएगा। राज्य सरकार ने ढिवरवाड़ी में सिट्रस सेंटर को मंजूरी दे दी है। मूलभूत सेवा सुविधाओं के लिए इस सेंटर को 1 करोड़ रुपए की निधि मंजूर की गई है। जिला परिषद सदस्य सलिल देशमुख ने जानकारी दी। यह सेंटर मंजूर होने के बाद जनप्रतिनिधियों की बैठक हुई। बैठक में सलिल देशमुख के अलावा जिप सदस्य चंद्रशेखर कोल्हे, बाजार समिति सभापति तारकेश्वर शेलके, समिति सदस्य डॉ.अनिल ठाकरे, मनोज जवंजाल, उपविभागीय कृषि अधिकारी विजय निमजे, अजय लाडसे उपस्थित थे।

जानें, सिट्रस के बारे में 
खट्टे फल, जिन्हें अंग्रेजी में सिट्रस फल भी कहा जाता है, रुटेसी परिवार से संबंध रखते हैं। नींबू, संतरा, ग्रेपफ्रूट, मौसंबी आदि जैसे फल इस श्रेणी में शामिल हैं। 

इसलिए भारी मांग
 इन फलों का उपयोग खाने के साथ-साथ कॉस्मेटिक उत्पाद और दवाइयां बनाने में भी किया जाता है। खट्टे फल में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये खासकर विटामिन-सी के अच्छे स्रोत माने जाते हैं। विटामिन-सी के अलावा, ये डाइट्री फाइबर, पोटैशियम, फोलेट, कैल्शियम, कॉपर आदि से भी समृद्ध होते हैं। साथ ही, इनमें फ्लावोनोइड, एल्कलॉइड, फिनोल एसिड और एसेंशियल ऑयल भी पाए जाते हैं। 

ये होगी सुविधा
ढिवरवाड़ी में मध्य भारत का एकमात्र सिट्रस सेंटर होगा। इसके माध्यम से किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। संतरा उत्पादन के लिए आधुनिक यंत्र सामग्री, नई तकनीकी की जानकारी दी जाएगी। प्रोसेसिंग, पैकिंग, कोटिंग के काम किए जाएंगे। संतरा उत्पादक किसानों का पंजीयन कराया जाएगा।  आरंभ में प्रयोगशाला इमारत, शीतगृह, प्रशिक्षण केंद्र व अन्य इमारतों का निर्माण किया जाएगा।

Created On :   20 Jan 2021 5:19 AM GMT

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