अब कुरखेड़ा में जंगली हाथियों का उत्पात

Now the riot of wild elephants in Kurkheda
अब कुरखेड़ा में जंगली हाथियों का उत्पात
धान की फसलें कर दीं बर्बाद   अब कुरखेड़ा में जंगली हाथियों का उत्पात

 डिजिटल डेस्क, कुरखेड़ा (गड़चिरोली)। छत्तीसगढ़ राज्य से गड़चिरोली जिले में प्रवेश करने वाले जंगली हाथियों ने अब कुरखेड़ा वन परिक्षेत्र के गांवों में अपना डेरा जमा लिया है। क्षेत्र के वाघेड़ा, खैरी, मालदुगी जंगल परिसर में दिनभर आराम फरमान करने वाले जंगली हाथी रात होते ही खेतों में पहुंचकर धान की फसलों को उजाड़ रहे हंै। कुरखेड़ा वन परिक्षेत्र के तहत आने वाले गांवों के 85 से अधिक किसानों की फसलें अब तक  तहस-नहस हुई है। बुधवार को भाजयुमो के जिलाध्यक्ष चांगदेव फाये ने नुकसानग्रस्त खेतों का जायजा लेकर संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को नुकसान का सर्वेक्षण तत्काल कर किसानों को वित्तीय मदद देने की मांग की। इस समय उनके साथ नुकसानग्रस्त किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे। 

बता दें कि, पिछले बारह दिनों से जंगली हाथियों ने अपना डेरा कुरखेड़ा तहसील में जमाया है। कुरखेड़ा तहसील मुख्यालय से महज 5 किमी दूर जंगली हाथी मौजूद होने के कारण वनविभाग के अधिकारी पूरी तरह अलर्ट में है। विभाग ने कर्मचारियों की टीमें तैयार कर उन्हें गश्त के कार्य में जुटा दिया है। तहसील के वाघेड़ा, खैरी, मालदुगी, नवरगांव, बेलगांव, चिचटोला आदि गांवों के 85 से अधिक किसानों की फसलें अब तक तबाह हुई है। हाथियों पर नजर रखने यहां पहंुची पश्चिम बंगाल की हुल्ला टीम को अब तक हाथियों को खदेड़ने में सफलता हासिल नहीं हो पायी है। बुधवार को भाजयुमो के जिलाध्यक्ष फाये ने नुकसानग्रस्त किसानों के खेतों को भेंट देकर नुकसान का सर्वेक्षण तत्काल करने की मांग की। गोठणगांव के क्षेत्र सहायक एम. एन. किनेकर, पलसगढ़ के क्षेत्र सहायक एस. एल. शेंडे, कुरखेड़ा के एम. एस. सालोरकर, गेवर्धा के हेमंत झोडगे के मार्गदर्शन में घाटी की वनरक्षक मयूरी कलमकर, चांदागढ़ की वनरक्षक सुप्रिया दुर्गे, जांभुलखेड़ा की वनरक्षक उत्तरा मोहुर्ले गश्त पर तैनात रहकर नुकसान के सर्वेक्षण के कार्य में जुटी हुई है। 

Created On :   22 Sept 2022 4:05 PM IST

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