साढे तीन घंटे तक जिला चिकित्सालय सहित सरकारी अस्पतालों की बंद रही ओपीडी

OPD of government hospitals including district hospital remained closed for three and a half hours
साढे तीन घंटे तक जिला चिकित्सालय सहित सरकारी अस्पतालों की बंद रही ओपीडी
पन्ना साढे तीन घंटे तक जिला चिकित्सालय सहित सरकारी अस्पतालों की बंद रही ओपीडी

डिजिटल डेस्क पन्ना। मध्यप्रदेश मेंं चिकित्सकों के प्रमुख संगठनों मध्यप्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ, प्रोगेसिव मेडिकल टीचर एसोसिएशन सहित अन्य चिकित्सीय संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से शासन के समक्ष विभिन्न मांागों को लेकर १५ फरवरी से शुरू हुआ चरणबद्ध आंदोलन आज दोपहर प्रांतीय संगठन के प्रतिनिधिमण्डल द्वारा भोपाल में सरकार के प्रतिनिधिमण्डल के साथ हुई चर्चा के बाद स्थगित हो गया है। प्रदेश के साथ जिले में चिकित्सा अधिकारी संघ के बैनर तले १५ फरवरी से चरबद्ध आंदोलन की शुरूआत की गई थी जिसमें पहले दिन १५ फरवरी को चिकित्सकों द्वारा काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन किया गया। इसके बाद दूसरे दिन १६ फरवरी को चिकित्सकों द्वारा सुबह १० से १२ बजे तक समस्त चिकित्सलयों में इमरजेन्सी सेवाओं को छोडकर ओपीडी की सेवाओं से अपने आपको अलग रखा गया। इसके बाद आज तीसरे दिन १७ फरवरी को डॉक्टर संगठन के निर्णय के अनुक्रम इमरजेन्सी सेवाओं को छोडकर ओपीडी सहित अन्य सभी कार्याे से अलग हो गए। जिला चिकित्सालय पन्ना में सुबह ०९ बजे से लेकर ओपीडी बंद होने की वजह से अस्पताल में डॉक्टरों को दिखाने के लिए पहँुचे मरीजो को इसके चलते निराश होना पडा। दोपहर १२:३० बजे जिले में चिकित्सा अधिकारी संगठन को इस बात की सूचना प्राप्त हुई कि प्रदेश के संगठन के संयुक्त वरिष्ठ प्रतिनिधिमण्डल द्वारा शासन के मंत्री तथा वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की गई जिसमें मांगों के निराकरण को मिले आवश्वासन पर आंदोलन को स्थगित किए जाने का निर्णय लिया गया है प्रदेश संगठन से मिली सूचना के बाद जिले सहित अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक पूर्ववत अपनी सेवाओं में वापस लौट आए और दोपहर १२:३० बजे से जिला अस्पताल में ओपीडी सहित अन्य सेवाएं पूर्व की तरह बहाल हो गई। 
 

इन मांगों को लेकर आंदोलन का रहे है डॉक्टर 

प्रदेश में चिकित्सकों मुख्य मांगे है उनमें समयमान स्वत: पदोन्नति देना, चिकित्सकों से संबंधित कार्याे की समीक्षा का कैडर का पालन कर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा ही सुनिश्चित किया जाना, चिकित्सालयों एवं मरीजों से संबंधित सामग्री एवं मानव संसाधन की उलब्धता सुनिश्चित किया जाना तथा चिकित्सकों की अन्य मांगों पर समय सीमा में कार्यवाही करना शामिल है। उक्त मांगों को लेकर चिकित्सकों के संगठनों के द्वारा काफी समय से विभिन्न स्तरों पर संघर्ष किया जा रहा है। मांगे पूरी नही होने पर चिकित्सकों के संयुक्त संगठन द्वारा सम्र्पूण मध्यप्रदेश में १५ फरवरी से चरणबद्ध आंदोलन की शुरूआत की गई थी। जो फिरहाल शासन से मिले आवश्वासन के बाद १७ फरवरी को दोपहर १२:३० बजे से स्थगित हो गया।  
 

Created On :   18 Feb 2023 2:25 PM IST

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