27 विद्यार्थियों के प्रवेश दूसरे कॉलेज में करने का आदेश
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मान्यता की प्रक्रिया पूरी किए बगैर 27 विद्यार्थियों को बैचलर ऑफ फार्मेसी (बी.फार्म) के प्रथम वर्ष में प्रवेश देने वाले आदर्श फार्मेसी कॉलेज को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ से झटका लगा है। हाई कोर्ट ने कॉलेज संचालक संस्था सतचिकित्सा प्रसारक मंडल नागपुर की उस याचिका को ठुकरा दिया है, जिसमें याचिकाकर्ता ने राज्य सामयिक प्रवेश परीक्षा कक्ष (सीईटी सेल) को प्रवेश मंजूर करने का आदेश देने की प्रार्थना की थी। साथ ही हाई कोर्ट ने उक्त 27 विद्यार्थियों कोे शैक्षणिक नुकसान से बचाने के लिए दूसरे कॉलेज जहां सीटें खाली हों, वहां स्थानांतरित करने का आदेश सीईटी सेल को दिया है। यह कॉलेज नागपुर होमियोपैथिक कॉलेज की ही नई ईकाई है। सीईटी की प्रवेश प्रक्रिया के नियमों के तहत कॉलेज को 5 जनवरी तक मान्यता लेना जरूरी था, तब ही वे शैक्षणिक सत्र 2022-23 में प्रवेश ले सकते थे। लेकिन कॉलेज को 9 जनवरी को मान्यता मिली और 10 जनवरी को 27 विद्यार्थियों को प्रवेश दिए गए, जो कि सीईटी सेल के नियमों के विपरीत था।
ऐसा था घटनाक्रम : दरअसल, इस कॉलेज को फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने 19 दिसंबर 2022 को कॉलेज में शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए बी.फार्म के 60 विद्यार्थियों की बैच चलाने की अनुमति दी। 30 दिसंबर को राज्य सरकार ने भी कॉलेज को मान्यता प्रदान कर दी, लेकिन अभी कॉलेज को विश्वविद्यालय से मान्यता लेना जरूरी था। इसके पूर्व कॉलेज प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं कर सकता था। फिर भी कॉलेज ने विवि की मान्यता लिए बगैर प्रवेश ले लिए।
प्रवेश देने का अधिकार नहीं था : इस पूरे मामले में नागपुर होमियोपैथिक कॉलेज के प्राचार्य डॉ.बालपांडे और उप प्राचार्य डॉ.गोपाल भुतड़ा ने मध्यस्थी अर्जी दायर की। दोनों उक्त संस्था से संंबंधित हैं। मध्यस्थी अर्जदारों की दलील थी कि कॉलेज इतना जल्दबाजी में था कि 1 जनवरी को कॉलेज ने प्रवेश लेने के लिए प्रसार माध्यमों में विज्ञापन भी जारी कर दिया। विज्ञापन जारी होने के तुरंत बाद 2 जनवरी को विश्वविद्यालय के कुलगुरु ने कॉलेज को ई-मेल भेज कर साफ कहा कि विवि ने अभी कॉलेज को मान्यता नहीं दी है। मान्यता मिलने तक कॉलेज कोइ भी प्रवेश संबधी विज्ञापन जारी नहीं कर सकता, न ही कोई प्रवेश ले सकता है। कुलगुरु ने कॉलेज को उसका विज्ञापन वापस लेने का भी आदेश दिया था। ऐसे में सीईटी सेल ने हाई कोर्ट में यही दलील दी थी कि कॉलेज ने यह प्रवेश प्रक्रिया बगैर किसी मंजूरी के आयोजित की थी। ऐसे में सीईटी सेल कॉलेज के इस प्रवेश को मंजूरी नहीं दे सकता। मामले में सभी पक्षों को सुनकर हाई कोर्ट ने यह फैसला दिया है।
Created On :   6 April 2023 10:47 AM IST