विधायकों की याचिका पर आदेश : 31 मार्च को विकास कार्यों की निधि वापस नहीं लौटेगी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ की विविध विधानसभा क्षेत्रों के लिए मंजूर की गई विकास कार्यों की निधि 31 मार्च के बाद वापस नहीं लौटेगी। हाई कोर्ट का फैसला आने तक इस मामले में जैसे थे के आदेश रहेंगे, साथ ही पूर्व में जारी किए गए टेंडर भी निरस्त नहीं किए जा सकेंगे। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने बुधवार को राज्य सरकार को यह आदेश जारी किया। दरअसल ये सभी विकासकार्य महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में मंजूर किए गए थे, लेकिन एकनाथ शिंदे सरकार ने इन पर रोक लगा दी थी। ऐसे में स्थानीय विधायकों ने हाई कोर्ट की शरण ली। इसमें सावनेर के विधायक सुनील केदार, उत्तर नागपुर के विधायक नितीन राऊत, ब्रह्मपुरी के विधायक विजय वडेट्टीवार और राजुरा के विधायक सुभाष ढोले व जिला परिषद सदस्य सलील देशमुख का समावेश है।''
आरोप : शिंदे सरकार ने रोका
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में उनके मतदाता क्षेत्र में कई विकास कार्य मंजूर हुए थे, जिसे नई शिंदे सरकार ने रोक दिया। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, महाविकास आघाड़ी सरकार में साल 2021-22 के बजट में राज्य भर में विविध विकास कार्य मंजूर हुए थे। इसके लिए निधि भी निर्धारित कर दी गई थी। उसके बाद संबंधित सरकारी विभागों ने विकास कार्यों की प्रक्रिया शुरू की और निधि भी जारी की, लेकिन राज्य में वर्ष 2022 में सत्ता परिवर्तन हुआ और महाविकास आघाड़ी सरकार गिर गई। इसके बाद नई सरकार ने विविध क्षेत्रों में विकास कार्यों पर रोक लगा दी। जिन विकास कार्यों के लिए टेंडर जारी नहीं हुए, ऐसे कार्यों पर रोक लगाई गई। ऐसे में विधायकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
Created On :   30 March 2023 10:44 AM IST