5 मासूमों के हत्यारे पालटकर ने कोर्ट में कहा- ‘ जीने की इच्छा नहीं, फांसी दे दो’
डिजिटल डेस्क, नागपुर। एक ही रात में अपने परिवार और रिश्तेदार परिवार के 5 सदस्यों के हत्यारे विवेक गुलाबराव पालटकर को उम्रकैद देना है या फांसी, इस मुद्दे पर मंगलवार को नागपुर सत्र न्यायालय में सुनवाई हो रही थी। न्यायाधीश आर. एस. पावसकर विविध पक्षों के वकीलों की दलील सुन रहे थे। वहीं न्यायालय में खड़ा पालटकर सभी की दलीलों को शांत खड़ा सुन रहा था। उसके वकील न्यायालय को इस बात के लिए मना रहे थे कि पालटकर को फांसी न दी जाए, बल्कि उम्रकैद की सजा देकर उसे जेल में रहने दिया जाए। इस दौरान पालटकर के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी। सुनवाई का एक-एक पल उसके लिए सजा की तरह साबित हो रहा था। आखिरकार उसके सब्र का बांध टूट पड़ा और युक्तिवाद के बीच ही वह बोल पड़ा, "मुझे अभी खत्म कर दो, मुझे फांसी दे दो, अब मुझे जीने की इच्छा नहीं है'। न्यायालय ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद शनिवार तक सुनवाई स्थगित कर दी। सरकार की ओर से सरकारी वकील अभय जिकार ने पक्ष रखा। एड.मोहम्मद अतीक ने फरियादी की ओर से उन्हें सहकार्य किया।
5 हत्याएं की हैं : करीब 5 वर्ष पहले 10 जून 2018 को हुए इस हत्याकांड ने केवल नागपुर ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य को दहला दिया। विवेक पालटकर को उसकी पत्नी की हत्या के आरोप से हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था। इसके बाद पालटकर और उसके साले कमलाकर पवनकर के बीच संपत्ति के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा था। घटना के समय रात 9.30 से 10 बजे के बीच विवेक कमलाकर के घर रात भर रुकने के लिए गया। जब परिवार के सब लोग सो गए तो रात 3 बजे के करीब लोहे की सब्बल से उसने एक के बाद एक 5 सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया। मृतकों में कमलाकर मोतीराम पवनकर (48), उसकी पत्नी अर्चना (45), मां मीराबाई (73), बेटी वेदांती कमलाकर पवनकर (12) और खुद विवेक के 5 वर्षीय बेटे भाचा कृष्णा ऊर्फ गणेश का समावेश था। विवेक की बेटी वैष्णवी (7) व मिताली कमलाकर पवनकर (9) दोनों बच गई थी। मामले में पुलिस ने विवेक को गिरफ्तार किया था।
Created On :   12 April 2023 11:07 AM IST