पन्ना महाराज का पार्थिव शरीर पहुंचा, जनता दर्शन के लिए रखा गया

Panna Maharajs body reached, kept for public viewing
पन्ना महाराज का पार्थिव शरीर पहुंचा, जनता दर्शन के लिए रखा गया
पन्ना पन्ना महाराज का पार्थिव शरीर पहुंचा, जनता दर्शन के लिए रखा गया

डिजिटल डेस्क पन्ना। पन्ना राजघराने के महाराज राघवेंद्र सिंह जूदेव का पार्थिव शरीर नागपुर से एंबुलेंस के जरिए आज सुबह 11 बजे पहुंचा। महारानी ज्योति कुमारी महाराज के पार्थिव शरीर के साथ जैसे ही राजमहल पहुंची। वहां पर पहले से मौजूद लोगों ने नम आंखों से अगवानी करते हुए महाराज राघवेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर राज महल के दरबार हाल में जनता के दर्शन के लिए रखा। उल्लेखनीय है कि महाराज राघवेंद्र सिंह को अत्याधिक बीमार हो जाने के चलते एक सप्ताह पूर्व नागपुर के एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। जहां पर उनका 29 जनवरी की शाम दुखद निधन हो गया। उनके निधन की जानकारी जैसे ही पन्ना के लोगों को सोशल मीडिया के जरिए पता चली शहर में शोक की लहर व्याप्त हो गई। महाराज के पार्थिव शरीर पहुंचने के पूर्व छतरपुर के महाराज राजनगर विधायक विक्रम सिंह नातीराजा भी पहुंच गए जो कि स्वर्गीय महाराजा राघवेंद्र सिंह के बुआ के पुत्र हैं। उन्होंने कल होने वाले अंतिम संस्कार की व्यवस्था के संबंध में राजमहल व परिवार के लोगों से चर्चा की। राजमहल परिषद को पूरी तरह से साफ -सुथरा करने के लिए नगरपालिका की टीम सुबह से लगी हुई है। वही सुरक्षा के मद्देनजर पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए हैं।

छत्रसाल पार्क के बगल में होगा अंतिम संस्कार

राजपरिवार का मुक्तिधाम छत्रसाल पार्क के पास स्थित है जहां पर महाराज राघवेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा। राज महल से मिली जानकारी के अनुसार प्रात: 10 महाराज की अंतिम यात्रा राजमहल से शुरू होकर मुक्तिधाम पहुंचेगी। जहां पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कई राजघराने के सदस्य रात को पन्ना पहुंच रहे हैं।

छत्रसाल द्वितीय का होगा राज तिलक

महाराज राघवेंद्र सिंह के एक पुत्र व दो पुत्रियां हैं दोनों राजकुमारी से छोटे राजकुमार जिनका नाम छत्रसाल द्वितीय रखा गया था उनका राजतिलक महाराज राघवेंद्र सिंह की अंतिम यात्रा होने से पूर्व परंपरा अनुसार किया जाएगा।

स्वभाव से सरल सहज व मृदुभाषी थे महाराज

महाराज राघवेंद्र सिंह जूदेव बहुत ही सरल व सहज व्यक्तित्व के धनी थे। 5५ वर्ष की अल्पायु में उनका निधन हो जाना निश्चित तौर पर पन्ना शहर के लोगों के लिए बड़ा ही कष्टप्रद है। छोटे से छोटे व्यक्ति से बड़े शहर व प्रेम के साथ बोलते थे कभी भी उनको लोगों ने ना तेज आवाज में बोलते देखा ना ही किसी के ऊपर गुस्सा करते देखा। राघवेंद्र सिंह के निधन से राज परिवार को अपूर्णीय क्षति हुई है साथ ही उनकी कमी पन्ना को हमेशा खलती रहेगी। 

Created On :   31 Jan 2023 3:20 PM IST

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