खरीफ के मौसम की धान का 56 करोड़ का भुगतान अभी भी बाकी
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। मार्केटिंग फेडरेशन द्वारा किसानों से इस वर्ष खरीफ मौसम मंे खरीदे गए धान की कुल कीमत 814 करोड़ 90 लाख रुपए होती है। लेकिन अब रबी का मौसम शुरू होने के बावजूद किसानों का खरीफ मौसम में शासन को बेचे गए धान का 56 करोड़ 20 लाख 42 हजार 743 रुपए का भुगतान अभी भी बाकी है। जिसके कारण धान की बिक्री करने वाले हजारों किसान आर्थिक संकट मंे फंस गए हंै। धान उत्पादक किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिल सके एवं निजी व्यापारी उनका शोषण न कर सके इस उद्देश्य से प्रति वर्ष खरीफ एवं रबी के माैसम में शासकीय धान खरीदी केंद्रांे के माध्यम से किसानों का धान केंद्र सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर राज्य सरकार खरीदी करती है। इस वर्ष भी जिला मार्केटिंग फेडरेशन की ओर से शुरू किए गए 115 धान खरीदी केंद्रांे के माध्यम से खरीफ मौसम में किसानांे से 39 लाख 92 हजार क्विंटल धान खरीदा गया। अधिक से अधिक किसान शासकीय धान खरीदी केंद्रांे पर अपना धान बेच सके इसके लिए खरीदी की अवधि भी 3 बार बढ़ाई गई।
ग्रीष्मकालीन रबी मौसम के लिए भी उन्हंे खर्च करने हेतु राशि की अावश्यकता है। ऐसे में भुगतान अटका रहने के कारण उन्हंे या तो बैंकों से कर्ज लेकर अथवा निजी व्यापारियांे से उधार लेकर अपनी आवश्यकता पूरी करनी पड़ रही है। ऐसे में ब्याज का बोझ अलग से भुगतना पड़ रहा है। जिसके चलते अनेक किसानों का कहना है कि कम भाव मंे भी यदि वे अपना धान निजी व्यापारियांे को बेच देते तो उन्हंे अपने ही माल के बिक्री के भुगतान के लिए इतना लंबा इंतजार नहंी करना पड़ता और तुरंत ही बिक्री की राशि भी प्राप्त हो जाती। अब फेडरेशन द्वारा भुगतान की कोई निश्चित तिथि नहीं बताई जा रही है ऐसे में करे तो क्या करें ? यह प्रश्न किसानांे के सामने निर्माण हो गया है। किसानांे ने शासन से जल्द से जल्द उनके बेचे गए धान का भुगतान किए जाने की मांग की है।
Created On :   24 March 2023 6:30 PM IST