नीरी में डमी कंपनियां बनाकर करोड़ों रुपए का भुगतान , जांच में मिले तथ्य, मांगा जवाब

Payment of crores of rupees by creating dummy companies in Neeri, facts found in the investigation, sought answers
नीरी में डमी कंपनियां बनाकर करोड़ों रुपए का भुगतान , जांच में मिले तथ्य, मांगा जवाब
फर्जीवाड़ा नीरी में डमी कंपनियां बनाकर करोड़ों रुपए का भुगतान , जांच में मिले तथ्य, मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  2020 में नीरी में डमी कंपनियां बनाकर करोड़ों रुपए के भुगतान का मामला सामने आया था। इन कंपनियों को बनाने में वहीं के अफसरों का हाथ बताया जा रहा है। कई कंपनियों के डायरेक्टर वहां काम कर रहे ऑफिसरों के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। उन्हें नीरी के कई प्रोजेक्ट में रिसर्च और कंसल्टेंसी के नाम पर करोड़ों रुपए का भुगतान किया गया। इस मामले में सीबीसी (सेंट्रल विजिलेंस कमीशन) के आदेश के बाद एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की गई थी। कमेटी को अपनी जांच में आरोपों में तथ्य मिले हैं, जिसके बाद तत्कालीन डायरेक्टर सहित 9 लोगों को आरोप-पत्र देकर  तय समय में जवाब मांगने की जानकारी है।

20 करोड़ से अधिक का भुगतान
बता दें कि वर्ष 2020 में नीरी में रिश्तेदारों और परिचितों के नाम पर डमी कंपनियां बनाकर रिसर्च और कंसल्टेंसी के लिए चार सालों में ही करीब 20 करोड़ से अधिक का भुगतान करने की शिकायत सामने आई थी। यह मामला सबसे पहले स्टोर और खरीदी का काम संभालने वाले संजय सुमन के सामने आया। उन्होंने जब रिकाॅर्ड की पड़ताल की, तो ऐसी डमी कंपनियों का खुलासा हुआ। उन्होंने इसकी जानकारी पहले नागपुर के वरिष्ठ अफसरों की दी, मगर जब उन्हें लगा कि सबकी मिलीभगत है, तो पूरे मामले की फाइल बनाकर सीबीसी को शिकायत की। पूरे मामले में उन्होंने नीरी के तत्कालीन डायरेक्टर राकेश कुमार को ही जिम्मेदार बताया है। सीबीसी के डायरेक्टर जनरल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएसआईआर (काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) को मामले की जांच के आदेश दिए। सीएसआईआर ने इसके लिए एफएफसी (फैक्ट फाइंडिंग कमेटी) बनाकर जांच शुरू की। कमेटी ने अपनी जांच में आरोपों में तथ्य पाए हैं, जिसके बाद संबंधित 9 लोगों को आरोप-पत्र देकर उनसे जवाब मांगा गया है।

Created On :   20 April 2023 11:24 AM IST

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