प्रतिमा के रखरखाव की मांगी थी अनुमति, तमिलनाडु सरकार ने अन्नाद्रमुक की मांग को ठुकराया

Permission was sought for the maintenance of the statue, Tamil Nadu government turned down AIADMKs demand
प्रतिमा के रखरखाव की मांगी थी अनुमति, तमिलनाडु सरकार ने अन्नाद्रमुक की मांग को ठुकराया
अन्नाद्रमुक ने पूर्व सीएम जयललिता प्रतिमा के रखरखाव की मांगी थी अनुमति, तमिलनाडु सरकार ने अन्नाद्रमुक की मांग को ठुकराया

डिजिटल डेस्क,  चेन्नई । तमिलनाडु सरकार ने विपक्षी अन्नाद्रमुक की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता की प्रतिमा के रखरखाव की अनुमति मांगी गई थी। सरकार ने तर्क दिया कि मूर्तियों के रखरखाव को निजी व्यक्तियों या संगठनों को सौंपना नियम के खिलाफ है।

अन्नाद्रमुक के समन्वयक और पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने तमिलनाडु उच्च शिक्षा विभाग में याचिका दायर कर पार्टी को तमिलनाडु राज्य उच्च शिक्षा परिषद परिसर में जयललिता की प्रतिमा बनाए रखने की अनुमति देने की मांग की थी। हालांकि, राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री के. पोनमुडी ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि प्रतिमा की देखरेख तमिलनाडु सरकार करेगी। प्रतिमा का रखरखाव कर रहे राज्य लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने कहा कि मूर्तियों के रखरखाव को निजी व्यक्तियों और संगठनों को सौंपना तमिलनाडु में प्रचलन में नहीं है।

राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु राज्य में लोक निर्माण विभाग द्वारा कानून को बनाए रखने के लिए यह सामान्य प्रथा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य और राष्ट्रीय नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाओं पर उनके जन्मदिन और पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी और  यहीं सिलसिला  पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के मामले में भी जारी रहेगा।

द्रमुक सरकार के सत्ता में आने के बाद ऐसी स्थिति बन गई है कि इसमें अन्नाद्रमुक नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सी. विजयभास्कर को मुख्यमंत्री द्वारा कोविड-19 के प्रबंधन के लिए गठित समिति में शामिल किया गया है। दो द्रविड़ दलों के बीच सर्वसम्मति की बढ़ती राजनीति पर मीडिया द्वारा व्यापक रूप से इसकी सूचना दी गई थी क्योंकि अतीत में ऐसी संस्कृति तमिलनाडु में प्रचलित नहीं थी।

हालांकि, दोनों के बीच टकराव की राजनीति शुरू हो गई है। सतर्कता निदेशालय और भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो ने अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्रियों एमआर विजयभास्कर, सी विजयभास्कर, एसपी वेलुमणि और केसी वीरमणि के परिसरों पर बैक टू बैक छापे मारे हैं। अन्नाद्रमुक जयललिता की प्रतिमा के रखरखाव से इनकार को अब द्रमुक सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध के एक अन्य कृत्य के रूप में देखा जा रहा है। सामाजिक पर्यवेक्षकों और राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तमिलनाडु में सरकारी परिसरों में जन नेताओं की प्रतिमाओं के रखरखाव को लेकर यह प्रथा रही है।

चेन्नई के एक निजी कॉलेज में राजनीति विज्ञान की प्रोफेसर और सामाजिक पर्यवेक्षक डॉ. उमा माहेश्वरी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि दुनिया के इस हिस्से में द्रविड़ राजनीति में नफरत और प्रतिशोध की राजनीति का गुण रहा है। हालांकि, सरकारी परिसर में सार्वजनिक व्यक्तित्व प्रतिमाओं को बनाए रखना राज्य सरकार का कर्तव्य है और द्रमुक सरकार ने अभी इस प्रथा को जारी रखा था। यह अन्नाद्रमुक नेतृत्व द्वारा एक अनावश्यक अपील थी, यह अच्छी तरह से जानते हुए कि सरकारी पीडब्ल्यूडी विभाग सरकारी संपत्तियों पर सार्वजनिक व्यक्तियों की मूर्तियों का रखरखाव कर रही है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   22 Oct 2021 6:30 AM GMT

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