सौंदर्यीकरण के नाम पर पर्यावरण से हो रहा खिलवाड़

playing with the environment in the name of beautification
सौंदर्यीकरण के नाम पर पर्यावरण से हो रहा खिलवाड़
नियमों की अनदेखी सौंदर्यीकरण के नाम पर पर्यावरण से हो रहा खिलवाड़

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में पर्यावरण के सरंक्षण के लिए तरह-तरह की उपाय योजनाएं की जाती हैं, मुहीम चलाई जाती है, दूसरी तरफ सरकारी संस्थाओं द्वारा ही पर्यावरण से खिलवाड़ किया जा रहा है। शहर में जी-20 की तैयारियां चल रही हैं। इसके लिए सौंदर्यीकरण के नाम पर पर्यावरण के सरंक्षक पेड़ों पर कीलें ठोककर उन पर रंगीन रोशनाई की सजावट कर रहे हैं। बीते वर्ष मनपा द्वारा अभियान चलाकर पेड़ों पर विज्ञापन की तख्तियां लगाने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे और अब विदेशी मेहमानों को आकर्षित करने के लिए मनपा ही अपने आदेशों का उल्लंघन कर रही है।

पेड़ों को हानि : जी-20 परिषद के लिए पूरे शहर को सजाया जा रहा है। वीआईपी रोड सेंट्रल मॉल के सामने चिल्ड्रन पार्क की ओर जाने वाले मार्ग के दोनों तरफ पेड़ों पर लाइटिंग के लिए कीलें ठोंककर उन पर बड़े-बड़े लाइटें लगाई गई हंै। जो पेड़ हमें शुद्ध हवा दे रहे हैं, उन्हीं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। कीलें ठोंकने से पेड़ों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

अपने बनाए नियम में मनपा विफल : 1 नवंबर 2022 को मनपा के उद्यान अधीक्षक ने परिपत्रक जारी कर बजाज नगर से वीएनआईटी तक पेड़ों पर सीसीटीवी कैमरे और लाइट्स को हटाने के लिए निर्देश दिए थे, साथ ही दुकान मालिकों पर वृक्ष जतन अधिनियम 1975 के तहत दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए कहा था। अब खुद ही मनपा द्वारा पेड़ों पर कीलें ठोंकी जा रही हैं।

कोई और व्यवस्था की जाएगी
हमने पूरे शहर में पेड़ों से कीलें निकालने के निर्देश दे दिए हैं। उसके लिए नायलॉन से बांधकर कोई और व्यवस्था की जाएगी। रही बात पेड़ों को क्षति पहुंचाने और संबंधितों पर कार्रवाई की, तो नियमों के अनुसार पेड़ जब मुरझा के मर जाते हैं, तब कार्रवाई होती है। अमोल चौरपगार,अधीक्षक (उद्यान विभाग) मनपा

रक्षा करने वाले ही नहीं दे रहे ध्यान
जो पर्यावरण और पेड़ों के रक्षक हैं, अगर वही भक्षक बनें, तो आम जनता के लिए क्या उदाहरण रख पाएंगे। मनपा के उद्यान अधीक्षक द्वारा जारी पत्र की प्रतिलिपि मनपा आयुक्त को भेजी गई है, उसके बावजूद शहरभर में वृक्षों पर कीलें ठोंककर लाइटें लगाई जा रही हैं। यहां सवाल उठता है कि क्या संबंधित दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। -अनुसूया काले छाबरानी, अध्यक्ष स्वच्छ एसोसिएशन

कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए
पेड़ों पर कीलें ठोंकना गलत है। इससे पेड़ों के आंतरिक हिस्से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इसके पेड़ सूखने लगते हैं एवं जहां कीलें ठोकते हैं, वहां सड़न पैदा होने लगती है। रातों में पेड़ों पर लाइट लगाने से पेड़ का बायोलॉजिकल साइकिल बिगड़ जाता है। इससे पेड़ों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। पेड़ों पर कील ठोंकने, विज्ञापन, लाइटिंग लगाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। कौस्तभ चैटर्जी,  संस्थापक ग्रीन विजिल फाउंडेशन

Created On :   16 March 2023 1:05 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story