हार्ट अटैक की स्थिति में पुलिस कर्मियों को जान बचाने की दी गई ट्रेर्निंग 

Police personnel given training to save lives in case of heart attack
हार्ट अटैक की स्थिति में पुलिस कर्मियों को जान बचाने की दी गई ट्रेर्निंग 
पवई हार्ट अटैक की स्थिति में पुलिस कर्मियों को जान बचाने की दी गई ट्रेर्निंग 

डिजिटल डेस्क,पवई नि.प्र.। भागदौड़ भरी जीवन शैली और खान-पान में होनी वाली लापरवाहियों के चलते इन दिनों हार्ट अटैक की घटनाए बढऩे लगी है। इसको देखते हुए पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देश पर जिले में पुलिस अधिकारियों, पुलिस कर्मियों के साथ ही लोगों को हार्ट अटैक की स्थिति में जान बचाने के लिए कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर)की ट्रेनिंग पुलिस विभाग द्वारा दिलवाई जा रही है। पवई थानें में आज २५ फरवरी को पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीना के निर्देशन में सीपीआर की ट्रेनिंग के संबंध में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पवई के बीएमओ चिकित्सक डॉ.एम.एल चौधरी एवं थाना प्रभारी डी.के.सिंह द्वारा पुलिस अधिकारियों और पुलिस कर्मियों तथा उपस्थितजनों को सीपीआर के संबंध में जानकारी देकर सीपीआर दिए जाने की प्रक्रिया से अवगत कराया गया। चिकित्सक द्वारा प्रशिक्षण में बताया गया कि कई बार किसी व्यक्ति की अचानक सांस रूक जाती है या फिर कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में सांस नही आती ऐसी स्थिति में उसे सीपीआर देकर उसकी जान बचाई जा सकती है। सीपीआर दिए जाने से बेहोश व्यक्ति सांंसे दी जाती है इससे फेफड़ो को आक्सीजन मिलती है। सीपीआर एक आपातकालीन प्रक्रिया है जब किसी व्यक्ति का दिल धडक़ना बंद कर देता है तो उसे कार्डिएक अरेस्ट कहते है। कार्डियएक अरेस्ट के दौरान हृदय मस्तिष्क और फेफड़ो सहित शरीर के बाकि हिस्सों रक्त पंप नही कर सकता। इस दौरान बिना इलाज के किसी व्यक्ति की मिनटों में मौत हो जाती है। कार्डियएक अरेस्ट दिल का दौरा पडऩे जैसा नही है। दिल का दौरा तब होता है जब हृदय में रक्त प्रवाह अवरूध हो जाता है लेकिन दिल का दौरा पडऩे वाले व्यक्ति बोलने और बात करने में सक्षम होता है। उसे सीपीआर की जरूरत नही होती है उन्हे तुरंत अस्पताल पहँुचाना चाहिए। सीपीआर देने के संबंध में प्रशिक्षण में बताया गया कि व्यक्ति अपने दोनों हांथों की मदद से एक मिनट में १०० से १२० बार छाती के बीच में और तेजी से पुश करना होता है। हर एक पुश के बाद छाती को वापस सामान्य स्थिति में आने दे सीपीआर की इस विधि को हैड्स आनली कहा जाता है। साथ ही इस प्रक्रिया से मरीज के मँुह से सांसे भी दी जाती है। पवई थानें में आयोजित सीपीआर के प्रशिक्षण में सहयोग हेतु लैब टेक्नीशियन प्रमोद नगायच भी उपस्थित थे। 
रैपुरा थानें में भी दी गई सीपीआर की ट्रेनिंग 
रैपुरा थानें में पुलिस कर्मियों को थाना प्रभारी सुधीर कुमार बेगी के मार्ग दर्शन में बीएमओ एवं चिकित्सक डॉ.एम.एल.चौधरी द्वारा ट्रेनिंग दी गई। इस दौरान उन्होनें दुर्घटनाग्रस्त लोगों हार्ट अटैक से पीडि़त व्यक्तियों सहित जहरीले जीव जंतुओं के काटने जानवरों से घायल होने पर प्राथमिक उपचार के साथ अस्पताल कैसे पहँुचाया जाया इस पर भी जानकारी दी गई। 

Created On :   26 Feb 2023 3:05 PM IST

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