यूपी में जन्म, उत्तराखंड-कलकत्ता से पढ़ाई, MP में राजनीति, कुछ ऐसा है कमलनाथ का सफर
- नौ बार चुने गए सांसद
- मध्य प्रदेश के सबसे सफल नेताओं में एक कमल नाथ
- यूपी से एमपी तक कमल नाथ ने तय किया सफर
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कांग्रेस के सबसे विश्वसनीय नेता और गांधी परिवार के करीबी कमल नाथ मध्य प्रदेश की सियासत का वो चेहरा हैं, जिन्होंने मध्य प्रदेश में सत्ता का वनवास काट रही कांग्रेस की वापसी कराने में अहम भूमिका निभाई है। कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में विकास की एक अलग ही कहानी लिखी है। 9 बार छिंदवाड़ा से सांसद चुने गए कमलनाथ मध्य प्रदेश की सत्ता के सिंहासन पर बैठ गए हैं। कमलनाथ 18वें व्यक्ति है जिन्हें मध्य प्रदेश का सीएम चुना गया है। आइए जानते हैं मध्य प्रदेश से राजनीतिक रिश्ता रखने वाले UP के "कमल" कैसे MP के नाथ हुए...
कांग्रेस के दिग्गज नेता कमल नाथ 23 कंपनियों के मालिक है। इन कंपनियों को उनके दोनों बेटे चलाते हैं। कमलनाथ के परिवार में उनकी पत्नी अलका नाथ, बेटे नकुल और बकुल हैं।
कमलनाथ को बिजनेस टायकून भी कहा जाता है कांग्रेस के कार्यकाल में वे उद्योग मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय, वन और पर्यावरण मंत्रालय, सड़क और परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। राजनीति के अलावा कमलनाथ को बिजनेस टायकून भी कहा जाता है, वो 23 कंपनियों के मालिक हैं, जो उनके दोनों बेटे चलाते हैं।
कमलनाथ की छवि वैसे तो काफी साफ-सुथरे नेता की है, लेकिन हवाला कांड में नाम आने की वजह से वे 1996 में आम चुनाव नहीं लड़ पाए थे, तब पार्टी ने उनकी जगह उनकी पत्नी अलका को टिकट दिया था जो कि भारी मतों से विजयी हुई थीं। लेकिन जब एक साल बाद वो इस कांड में बरी हुए थे तो उनकी पत्नी ने छिंदवाड़ा की सीट से इस्तीफा दे दिया और कमलनाथ ने वापस वहां से चुनाव लड़ा, लेकिन वो बीजेपी के सुंदरलाल पटवा से हार गए। हालांकि उनका नाम साल 1984 के सिख विरोधी दंगों में भी उछला था लेकिन वे सिर्फ आरोप रहे और सिद्ध नहीं हो पाए। कमलनाथ ने फिर वापसी की और छिंदवाड़ा से सांसद चुन गए।
मध्य प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने के बाद कांग्रेस को सत्ता में वापसी कराने वाले कमलनाथ का राजनीतिक सफर गांधी परिवार के करीब होने से शुरू हुआ। कमलनाथ 34 साल की उम्र में छिंदवाड़ा से जीत कर पहली बार लोकसभा पहुंचे थे। कुल 9 बार कमलनाथ सांसद चुने गए। उन्हें सिर्फ एक बार उपचुनाव में सुंदरलाल पटवा से हार का सामने करना पड़ा था। कमलनाथ ने एक ऐसे इलाके में विकास का काम किया जो आदिवासी बहुल्य और पिछड़ा माना जाता है। इस क्षेत्र की कमान संभालने के साथ ही छिंदवाड़ा में कमलनाथ ने लोगों को रोजगार दिया। आदिवासियों के उत्थान के लिए कई काम किए। आपको जानकर हैरत होगी कि उनका दिल्ली का कार्यालय 24 घंटे कार्यकर्ताओं के लिए खुला रहता है और वो चुनाव अभियानों के लिए हेलीकॉप्टरों और सैटेलाइट फोन इस्तेमाल करने वाले शुरूआती नेताओं में से एक हैं।
उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में कमलनाथ का जन्म 18 नवम्बर 1946 को हुआ था। कमलनाथ ने अपनी स्कूली शिक्षा उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के दून स्कूल से पूरी की थी। आगे पढ़ाई करने के लिए कमलनाथ ने पश्चिम बंगाल का रूख किया। यहां कोलकाता के सेंट ज़ेवियर कॉलेज से उच्च शिक्षा हासिल की। दून स्कूल में ही कमलनाथ की दोस्ती संजय गांधी से हुई थी। संजय गांधी और कमलनाथ की दोस्ती के किस्से आज भी राजनीतिक गलियारों के हॉट टॉपिक्स में से एक हैं। कमलनाथ और संजय गांधी की दोस्ती संजय की मौत के बाद ही खत्म हुई लेकिन संजय गांधी की दोस्ती ने उन्हें गांधी परिवार के बेहद करीब ला दिया।
Created On :   13 Dec 2018 10:59 AM IST