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सांसदो और विधायकों के VIP कोटे से टिकट कंफर्म करने के मामले में आरोपी गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। रेलवे पुलिस ने सांसदों, विधायकों और आला अधिकारियों के नाम पर फर्जी सिफारिशी पत्र भेजकर वीआईपी कोटे से टिकट कन्फर्म कराने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने अप्रैल महीने के ऐसे 11 टिकटों की जानकारी हासिल की है, जिनकी सीटें फर्जी पत्र भेजकर कन्फर्म कराई गई। आरोपी अपने ही जाल में इसलिए फंस गया क्योंकि उसने महाराष्ट्र के एक सेवानिवृत्त अधिकारी के नाम पर सिफारिशी खत भेज दिया।
फर्जी सिफारिशी पत्र भेजकर करता था टिकट कंफर्म
मामले में गिरफ्तार आरोपी का नाम देवप्रताप चतुर्भुज सिंह (29) है। उसे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हुसैनगंज इलाके से गिरफ्तार किया गया। डीसीपी समाधान पंवार ने बताया कि आरोपी ने महाराष्ट्र गृह विभाग के पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव केपी बक्षी के नाम से 24 अप्रैल को मुंबई-वाराणसी के बीच चलने वाली हॉली डे स्पेशल ट्रेन के लिए एक सिफारिशी खत रेलवे को फैक्स किया, जिसमें वीआईपी कोटे में टिकट कंफर्म करने की रिफारिश थी। इसे देखकर रेलवे अधिकारियों का माथा ठनका क्योंकि बक्षी को सेवानिवृत्त हुए एक साल से ज्यादा समय बीत गया था। इसके बाद जीआरपी को मामले की शिकायत की गई और जांच शुरू हुई। जीआरपी ने जांच के दौरान पाया कि जिस टिकट के लिए सिफारिशी चिट्ठी भेजी गई थी वह ऑनलाइन निकाला गया था। पुलिस ऑनलाइन टिकट निकालने वाले एजेंट के जरिए चतुर्भुज सिंह तक पहुंच गई। सिंह ने पूछताछ में हैरान करने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि उसने इंटरनेट से सिफारिशी चिट्ठी डाउनलोड की थी।
सेवानिवृत्त अधिकारी के नाम पर भेजा फैक्स तो फूटा भांडा
इंटरनेट से सिफारिशी चिट्ठी डाउनलोड कर और इसमें बदलाव कर वह पिछले दो सालों से सांसदों, विधायकों और आला अधिकारियों के नाम पर सिफारिशी चिट्ठी फैक्स कर वीआईपी कोटे से टिकट कंफर्म कराता था। छुट्टियों में मांग ज्यादा होने पर वह प्रति टिकट 1200 से 2400 रुपए लोगों से वसूलता था। जिन लोगों के नाम का इस्तेमाल टिकट कंफर्म कराने के लिए किया गया, उनमें सांसद रोजेया पांडे, पंकज चौधरी, रंजना सिंह रंजीत, हरी नारायण राजभर भी शामिल हैं। इसके अलावा राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर, उत्तर प्रदेश राज्यपाल की प्रधान सचिव जुथीका पाटणकर, उत्तर प्रदेश की लोकायुक्त जे सी उप्रेती और उत्तर प्रदेश के विधान परिषद सदस्य राजदेव सिंह और रामलाल वर्मा के नाम शामिल हैं। आरोपी रेलवे के संबंधित ऑफिस में रिफारिशी खत फैक्स कर देता था इसके आधार पर यात्रियों का टिकट कंफर्म हो जाता था। पुलिस गिरोह से जुड़े दूसरे सदस्यों को भी तलाश रही है।
Created On :   23 May 2018 6:23 PM GMT