रायपुर : वन अधिकार पट्टा बन गया बीना के परिवार के जीवन-यापन का आधार
डिजिटल डेस्क, रायपुर। शासन के कारगर प्रयास से बदल रही लोगों की जिंदगी रायपुर, 27 जुलाई 2020 वनभूमि पर वर्षों से काबिज और लघु वनोपजों का संग्रहण कर जीवन-यापन करने वाले वनवासी परिवारों के लिए वनभूमि मान्यता अधिकार पत्र उनके जीवन-यापन का एक नया आधार बन गया है। पट्टा मिल जाने से काबिज परिवार अब बिना किसी डर-भय के उस भूमि पर खेती-किसानी करने के साथ ही अन्य आयमूलक गतिविधियों को शुरू कर आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रहे हैं। राजनांदगांव जिले के सुदूर वनांचल के ग्राम मिस्प्री की रहने वाली श्रीमती बीना यादव को मिले 50 डिसमिल के पट्टे ने अब उन्हें भूमिहीन से कृषक बना दिया है। मिस्प्री मोहला विकासखंड के दूरस्थ वनांचल का गांव हैं। बीना यादव पट्टे में मिली भूमि पर धान की खेती करने लगी हैं। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी से वनवासियों के जीवन में खुशहाली का एक नया दौर शुरू हुआ है। वनवासियों को अब उनके द्वारा संग्रहित लघु वनोपज का वाजिब मूल्य मिलने से उनकी जिन्दगी में बदलाव आने लगा है। श्रीमती बीना ने बताया की उन्हें 50 डिसमिल जमीन मिली है, जिस पर उन्होंने उनके पति श्री जोहित यादव ने धान की फसल लगाई है। उनके परिवार में ही वन अधिकार पट्टा के तहत मोहनलाल, पुरुषोत्तम, जागेश्वर को कुल 2 एकड़ की जमीन मिली है। श्रीमती बीना ने बताया कि हम सब वनों में महुआ, चार, हर्रा और अन्य तरह के वनोपज एकत्रित करते हैं, वहीं कुसुम पेड़ से लाख का भी संग्रहण करते हैं। यह हमारे आजीविका का साधन है, अब जमीन पर अधिकार मिलने से कृषि कार्य करने से आमदनी बढ़ेगी।
Created On :   28 July 2020 2:44 PM IST