रायपुर : मनरेगा में ‘आधी आबादी’ की हिस्सेदारी आधी से ज्यादा : इस साल अब तक 24.28 लाख महिलाओं को मिला काम

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
रायपुर : मनरेगा में ‘आधी आबादी’ की हिस्सेदारी आधी से ज्यादा : इस साल अब तक 24.28 लाख महिलाओं को मिला काम

डिजिटल डेस्क, रायपुर। 27 जुलाई 2020 छत्तीसगढ़ में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) कार्यों में आधी आबादी यानि महिलाओं की भागीदारी आधी से ज्यादा है। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के शुरूआती चार महीनों में यहां योजना के तहत 24 लाख 28 हजार 234 महिलाओं को काम मिला है। प्रदेश में इस दौरान सृजित कुल नौ करोड़ 17 लाख 87 हजार मानव दिवस रोजगार में महिलाओं की हिस्सेदारी चार करोड़ 65 लाख 85 हजार है। मनरेगा कार्यों में इस साल अब तक महिलाओं की भागीदारी 50.75 फीसदी रही है जो पिछले चार वर्षों में सर्वाधिक है जबकि अभी चालू वित्तीय वर्ष के चार महीने भी पूरे नहीं हुए हैं। छत्तीसगढ़ में इस साल विभिन्न मनरेगा कार्यों के अंतर्गत कुल 48 लाख 14 हजार 330 मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इनमें 24 लाख 28 हजार 234 महिला श्रमिक शामिल हैं। मनरेगा कार्यों में महिलाओं की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2016-17 में इसमें महिलाओं की भागीदारी 49.31 प्रतिशत, 2017-18 में 49.71 प्रतिशत, 2018-19 में 50.05 प्रतिशत, 2019-20 में 50.70 प्रतिशत और चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 50.75 प्रतिशत रही है। महिलाओं की सर्वाधिक हिस्सेदारी इस साल शुरूआती चार महीनों में ही हासिल कर ली गई है। मनरेगा महिलाओं के लिए भी रोजगार का बड़ा और सुलभ साधन साबित हो रहा है। प्रदेश में मनरेगा के तहत महिलाओं को रोजगार देने में दुर्ग जिला अव्वल है। मनरेगा कार्यों में इस साल वहां महिलाओं की भागीदीरी 64 प्रतिशत है। बालोद में कुल सृजित रोजगार में महिलाओं की हिस्सेदारी 62 प्रतिशत, राजनांदगांव में 59 प्रतिशत, रायपुर में 54 प्रतिशत, बस्तर में 52 प्रतिशत तथा बिलासपुर, धमतरी, कोंडागांव और नारायणपुर में 51-51 प्रतिशत है। मनरेगा के अंतर्गत विभिन्न हितग्राहीमूलक कार्यों में प्रधानमंत्री आवास निर्माण में श्रम, बकरी आश्रय, मुर्गी आश्रय, मवेशियों के लिए पक्का फर्श, कोटना निर्माण, भूमि समतलीकरण, कूप निर्माण और निजी डबरी निर्माण इत्यादि शामिल हैं। मनरेगा कार्यों में मजदूरी के साथ ही महिलाएं हितग्राही के तौर पर इन कार्यों का लाभ लेकर कृषि, उद्यानिकी, मछलीपालन, बकरीपालन एवं मुर्गीपालन जैसे कार्यों के जरिए अपनी आजीविका संवर्धित कर रही हैं। मनरेगा प्रावधानों के मुताबिक रोजगार प्रदाय में एक-तिहाई महिलाओं का होना अनिवार्य है। दिव्यांग और अकेली महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने का भी प्रावधान किया गया है।

Created On :   27 July 2020 4:30 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story