बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने महाराष्ट्र के क्षेत्रीय दलों ने कमर कसी

Regional parties of Maharashtra fight back to contest Bihar assembly elections
बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने महाराष्ट्र के क्षेत्रीय दलों ने कमर कसी
बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने महाराष्ट्र के क्षेत्रीय दलों ने कमर कसी

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  महाराष्ट्र की क्षेत्रिय राजनीति में दमखम रखने वाली कई पार्टियां बिहार विधानसभा चुनाव में जोर आजमाइश कर रही हैं। महाराष्ट्र की सत्ताधारी और विपक्षी दल के साथ गठबंधन करने वाली पार्टियों की राहें बिहार में अलग-अलग हो गई हैं। महाराष्ट्रमें सत्ताधारी महाविकास आघाड़ी के तीनों घटक दल बिहार में अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि भाजपा के सहयोगी राष्ट्रीय समाज पक्ष (रासपा) और आरपीआई भी अपने दम पर बिहार में ताल ठोक रहे हैं।वहीं महाराष्ट्र के चुनावों में ताकत दिखाने वाली वंचित बहुजन आघाड़ीभी बिहार विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रही हैं। हालांकि इसके पहले के चुनाव परिणाम इन दलों के लिए उत्साहवर्धक नहीं रहे हैं। 

महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी सरकार का प्रमुख घटक दल शिवसेना ने बिहार विधानसभा चुनाव में 50 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। शिवसेना बिहार में अकेले चुनाव लड़ रही है। महाविकास आघाड़ी सरकार की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी राकांपा बिहार में आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ना चाह रही थी लेकिन आरजेडी और कांग्रेस से बात नहीं बनने के बाद राकांपा ने 145 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करने का निर्णय लिया है। 

दूसरी ओर महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगीराष्ट्रीय समाज पक्ष (रासपा) बिहार की 30 से 40 सीटों पर उम्मीदवार उतार रही है। जबकि केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले की पार्टी आरपीआई 15 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। आठवले बिहार चुनाव के लिए भाजपा के साथ गठबंधन चाह रहे थे लेकिन आखिर में सहमति नहीं बन पाई। वहीं वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर पूर्व सांसदपप्पू यादव के नेतृत्व वाले प्रगतिशील लोकतांत्रिक गठबंधन (पीडीए) के साथ गठजोड़ करके 30 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी की है। 

उम्मीद से बेहतर मिले प्रत्याशी -जानकर
महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी राष्ट्रीय समाजपक्ष (रासपा) ने बिहार विधानसभा चुनाव में करीब 40 सीटों पर लड़ रही है। रासपा केअध्यक्ष तथा प्रदेश के पूर्व मंत्री महादेवजानकर ने कहा कि हमें लगा था कि बिहार में पार्टी को उम्मीदवार नहीं मिल पाएंगे लेकिनकुछ सीटों पर अच्छे प्रत्याशी मिले हैं। रासपा ने कुछ सीटों पर दूसरे दलों से आए नेताओं को उम्मीदवारी दी है। इसलिए हमें उम्मीद है कि रासपा को गया में एक सीट पर जीत मिल सकती है। जानकर ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के पोस्टर, बैनर और झंडे जैसी प्रचार सामग्री महाराष्ट्र से भेजी जा रही है। महाराष्ट्र के लगभग 100 पदाधिकारी बिहार में भेजे जा रहे हैं। इसके अलावा मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों की भी मदद ली जा रही है। जानकर ने कहा कि बिहार में यदि रासपा को सफलता मिलती है तो जो गठबंधन हमें सत्ता में हिस्सेदारी देगा, पार्टी उसका समर्थन करेगी। जानकर ने बताया कि वे 22 अक्टूबर को पटना जाएंगे। 

30 सीटों पर लड़ेगी वंचित बहुजन आघाड़ी
वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के बिहार प्रदेश के प्रवक्ता डॉ. संजय वाल्मीकि ने कहा कि हम लोग 40 से 50 सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाले थे लेकिन अचानक विधानसभा चुनाव की घोषणा की गई। इससे वीबीए पूरी तैयारी नहीं कर पाई। अब वीबीए ने 30 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। वीबीए विधानसभा चुनाव में पटना, मुजफ्फरपुर, सुपौल, सिवान अररिया समेत कई जिलों में उम्मीदवार खड़े करेगी। 

राकांपा को दो सीटें देने के लिए तैयार नहीं हुई आरजेडी-कांग्रेस 
राकांपा के राष्ट्रीय महासचिव के के शर्मा ने कहा कि हमने महाराष्ट्र में जिस तरीके से भाजपा को सत्ता में आने से रोका उसी तरह से बिहार में भाजपा को सत्ता से दूर करना चाहते हैं। इसलिए राकांपा ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ गठंबधन करने का प्रयास किया। राकांपा 5 सीटें चाह रही थी। बाद में राकांपा 2 सीटें लेने के लिए भी तैयार हो गई थी लेकिन आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन ने राकांपा को 2 सीटें भी नहीं दिया। इसलिए राकांपा ने 145 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। 

पिछले चुनाव में नहीं मिला था मतदाताओं का साथ
महाराष्ट्र के इन क्षेत्रिय दलों में से शिवसेना, राकांपा व आरपीआई (आठवले) ने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी अपने उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन इन दलों के सभी उम्मीदवारोंकी जमानत जब्त हो गई थी। शिवसेना ने 73 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जिसमें से सभी सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। जबकि 41 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली राकांपा के 40 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। चार सीटों पर चुनाव लड़ने वाले रामदास आठवले की पार्टी को कुल 3205 वोट मिले थे।  

Created On :   17 Oct 2020 12:48 PM GMT

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