शहडोल जिले में 3 लाख परिवारों में 2 लाख मजदूर, विभाग ने किया पंजीयन

Registration of the workers of unorganized sector in katni mp
शहडोल जिले में 3 लाख परिवारों में 2 लाख मजदूर, विभाग ने किया पंजीयन
शहडोल जिले में 3 लाख परिवारों में 2 लाख मजदूर, विभाग ने किया पंजीयन

डजिटल डेस्क शहडोल । जिले भर में इस समय असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का पंजीयन चल रहा है। यह पंजीयन ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत और शहरी क्षेत्रों में नगर पालिका में चल रहे हैं। जिले भर में 11 अप्रैल की स्थिति में एक लाख 80 हजार पंजीयन हो चुके हैं। हालांकि अभी तक एक सत्यापन एक का भी नहीं हुआ है। यानि जिसने पंजीयन कराया है, वह इसकी पात्रता रखता है या नहीं इसका जांच नहीं की गई है। गौरतलब है कि सत्यापन के बाद ही श्रमिकों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिलना है।
     जिले में पंजीयन का काम 1 अप्रैल से शुरू हुआ था। यह काम 14 अप्रैल तक चलना है। पंजीयन के साथ-साथ सत्यापन के भी निर्देश थे। प्रदेश के अन्य जिलों में यह हो भी रहा है, लेकिन शहडोल में अभी तक सत्यापन का काम शुरू नहीं किया गया है। पंजीयन का काम ग्राम पंचायत सचिव तथा शहरी क्षेत्रों में वार्ड प्रभारी द्वारा किए जा रहे हैं। धड़ाधड़ पंजीयन किए जा रहे हैं। इतने लोगों का सत्यापन करने में कर्मचारियों के पसीने छूट जाएंगे। आपको बता दें कि सत्यापन पूरा होने के बाद संगठित क्षेत्र के मजदूरों को कार्ड दिए जाएंगे। कार्ड वितरण के लिए इसी महीने में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शहडोल आने की संभावना है।
समग्र आईडी की जरूरत
पंजीयन कराने के लिए सिर्फ समग्र आईडी होना जरूरी है। इसके अलावा आधार कार्ड को वैकल्पिक रखा गया है। पंजीयन में समग्र आईडी का सहारा लिया जा रहा है। दरअसल, समग्र आईडी में पहले से ही बीपीएल का डाटा है और श्रमिकों की जानकारी भी मौजूद है। बहुत सी ग्राम पंचायतों में श्रमिकों के पंजीयन में इसी का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिले में आज की स्थिति में व्यक्तिगत समग्र आईडी 11 लाख 44 हजार हैं। जबकि  2 लाख 89 हजार परिवार दर्ज हैं। जिलों को समग्र आईडी में दर्ज परिवारों का करीब आधा पंजीयन करना है। ज्यादा से ज्यादा पंजीयन करने के चक्कर में इसके लिए तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है।  अधिकतर ग्राम पंचायतों में फार्म नहीं भरवाए जा रहे हैं। सिर्फ जानकारी लेकर मोबाइल एप से पंजीयन किया जा रहा है। इसका डाटा रोजाना श्रमसेवा डॉट एमपी डॉट जीओवी डॉट इन पर ऑनलाइन हो रहा है।
ऐसे होना है सत्यापन
आपको बता दें कि 1 अप्रैल से जिले में पंजीयन शुरू हुआ था और दो अप्रैल को कुल 4 हजार रजिस्टे्रशन ही हुए थे। 9 दिन में यह आंकड़ा 2 लाख के आसपास पहुंच गया है। सत्यापन में श्रमिक की फोटो का मिलना किया जाना है। इसके अलावा यह पता करना है कि वह आयकर दाता है या नहीं। उसके पास डेढ़ एकड़ से ज्यादा भूमि तो नहीं। वह श्रमिक है कि नहीं। पटवारियों को भी यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि श्रमिक ने जितनी जमीन अपने फार्म में दर्ज कराई है वह सही या नहीं।
कलेक्टर ने मांगी जानकारी
कलेक्टर ने पूरे जिले से पंजीकृत श्रमिकों के संबंध में जानकारी मांगी है। सभी विकासखंडों से कहा गया है कि पंजीकृत श्रमिकों ने किस सरकारी योजना का लाभ लिया है या फिर उनको कौन सी योजना के तहत लाभान्वित किया जा सकता है। इसकी जानकारी समयसीमा के भीतर एक निर्धारित प्रारूप में उपलब्ध कराएं। इसके लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।
इनका कहना है
 पंजीयन के साथ-साथ सत्यापन का काम भी होना था। अगर पोर्टल पर डाटा अपलोड नहीं है उसको दिखवाया जाएगा। पटवारी को भी कहा गया है कि पंजीयन में जितनी जमीन दर्ज कराई जा रही है, उसकी जांच करें।
नरेश पाल, कलेक्टर

 

Created On :   12 April 2018 8:13 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story