हाईवे पर शराब बंदी से सरकार को राजस्व घाटा 

Revenue Deficit of Government from Alcohol ban on Highway
हाईवे पर शराब बंदी से सरकार को राजस्व घाटा 
हाईवे पर शराब बंदी से सरकार को राजस्व घाटा 

डिजिटल डेस्क,मुंबई । हाईवे से 500 मीटर के दायरे में स्थित दुकानों और होटलों में शराब बिक्री पर सुप्रीमकोर्ट के फैसले का असर राज्य की राजस्व वसूली पर भी पड़ा है। सरकार को पिछले वित्तवर्ष के दौरान आबकारी शुल्क के रुप में 14340 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद थी लेकिन संशोधित अनुमान के मुताबिक इसमें 1840 करोड़ की कमी आ सकती है। इसकी बड़ी वजह सुप्रीमकोर्ट के फैसले का असर ही माना जा रहा है। सरकार की आय का बड़ा हिस्सा शराब बिक्री और संपत्ति बेचने पर ली जाने वाली स्टैंप ड्यूटी से आता है।

रियल इस्टेट कारोबार उबर रहा मंदी से
सरकार के लिए राहत की बात ये है कि रियल इस्टेट कारोबार मंदी से उबरता दिख रहा है और स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस के जरिए पिछले वित्तवर्ष में 2100 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान था। लेकिन अब सरकार इसके जरिए वित्तवर्ष 2017-18 के दौरान 23,100 करोड़ रुपए की आय की बात कह रही है। वित्तवर्ष 2018-19 में सरकार को स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस के जरिए 24 हजार करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। सरकार आबकारी से होने वाली आय में भी बढ़ोत्तरी की उम्मीद कर रही है वित्तवर्ष 2018-19 में इसके जरिए 15343 करोड़ रुपए की आय का अंदाजा है। वहीं केंद्रीय उत्पाद शुल्क के जरिए अनुमानित आय भी काफी कम रहा है।

राजस्व में हुआ है इजाफा भी
वित्तवर्ष 2017-18 के दौरान राज्य सरकार ने इसके नजरिए 5492 करोड़ रुपए आय की आशा थी लेकिन सुधारित बजट के मुताबिक राज्य सरकार को सिर्फ 2838 करोड़ रुपए मिलेंगे। यानी अनुमान से 2654 करोड़ रुपए कम। जीएसटी लागू होने के चलते सेल्स टैक्स भी अनुमानित 92838 करोड़ की बजाय 55410 करोड़ रुपए रहने का अंदाजा है। राज्य सरकार को अपने करों के जरिए वित्तवर्ष 2017-18 में 11542 करोड़ रुपए से ज्यादा आय हुई है इसके अलावा बिना कर के राजस्व में भी 1541 करोड़ का इजाफा हुआ है।  

Created On :   10 March 2018 12:47 PM GMT

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