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कैमोर पहाड़ी पर मिला अगवा बालिका का कंकाल, कपड़ो से हुई पहचान
सतना। देहात थाना क्षेत्र के तेंदूहटा गांव से 5 दिन पूर्व रहस्यमय ढंग से गायब हुई बच्ची का कंकाल कैमोर पहाड़ी पर मिलने से सनसनी फैल गई है। पुलिस ने अवशेषों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में बच्ची के साथ ज्यादती के बाद कत्ल की आशंका जताई जा रही है। परिजनों के बच्ची की गुम होने की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई थी।
तेंदूपत्ता तोड़ने गई महिलाओं को मिला कंकाल
थाना प्रभारी भूपेन्द्रमणि पांडेय के मुताबिक शनिवार दोपहर को जंगल में तेंदूपत्ता तोडऩे गई कुछ महिलाओं ने तेंदूहटा गांव से तीन किलोमीटर दूर पहाड़ी पर नर कंकाल देखा, जिसको जंगली जानवर नोच रहे थे। तब महिलाओं ने परिजन को बताया, जिन्होंने थाने में सूचना दी तो पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई जहां कंकाल के अलग-अलग हिस्से बिखरे हुए थे। एक जगह पर खोपड़ी के साथ गले व रीड की हड्डी और पसलियां पड़ी थीं, वहीं कुछ दूर पर हाथ व पैर की हड्डियां बिखरीं थीं। शरीर का ज्यादातर हिस्सा जंगली जानवर खा चुके थे।
फॉरेंसिक टीम भी पहुंची
थाना प्रभारी ने यह खबर वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाई, जिस पर जिला मुख्यालय से फॉरेंसिक अधिकारी डा. महेन्द्र सिंह अपनी टीम के साथ दोपहर करीब ढाई बजे घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने पूरे इलाके का बारीकी से परीक्षण करते हुए जरूरी सबूत एकत्र किए।
कपड़ों से की पहचान
पहाड़ी पर कंकाल मिलने की बात तेंदूहटा गांव में आग की तरह फैल गई, लिहाजा बड़ी संख्या में ग्रामीण वहां पहुंच गए जिनमें दादूराम बेडिय़ा और उसकी पत्नी भी शामिल थीं। इन्हीं लोगों ने घटनास्थल पर मिले सलवार, कुर्ता देखकर मृतिका की शिनाख्त अपनी लापता बेटी गुल्ली बेडिय़ा उर्फ पार्वती 12 वर्ष के रूप में कर ली। गौरतलब है कि 8 मई को दोपहर 12 से 3 बजे के बीच आंगन में सोते समय 12 वर्षीय किशोरी अचानक गायब हो गई थी।
काफी तलाश करने पर भी जब उसका पता नहीं चला तो परिजन ने अगले दिन देहात थाने में संपर्क किया जहां आईपीसी की धारा 363 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया था। हालांकि पुलिस भी किशोरी को नहीं खोज पाई थी। माना जा रहा है कि किसी जान-पहचान के व्यक्ति ने गुल्ली को अगवा कर पहाड़ी पर ले जाकर हवस का शिकार बनाया और अपनी करतूत छिपाने के लिए उसका कत्ल कर दिया।
पुलिस कराएगी डीएनए टेस्ट
पुलिस ने कंकाल को एकत्र कर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेजा, जहां से डॉक्टर ने मेडिकल कॉलेज रीवा रेफर कर दिया। विशेषज्ञों के द्वारा परीक्षण किए जाने के बाद ही यह तय हो पाएगा कि कंकाल किसका है, उसकी हत्या कब और कैसे हुई है। वहीं दादूराम बेडिय़ा के दावे की पुष्टि के लिए पुलिस के द्वारा डीएनए टेस्ट भी कराया जाएगा। बहरहाल इस घटना से गांव में हडक़म्प मच गया है। मामले की तह तक जाने के लिए मुखबिरों को भी सक्रिय किया जा चुका है।
Created On :   13 May 2018 7:22 PM GMT