कुछ तो तारीख लेने की ही वकालत करते हैं - गडकरी

Some advocate only taking dates
कुछ तो तारीख लेने की ही वकालत करते हैं - गडकरी
जिला न्यायालय की नई इमारत का उद्घाटन कुछ तो तारीख लेने की ही वकालत करते हैं - गडकरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला न्यायालय की यह नई इमारत केवल न्यायाधीशों या वकीलों के लिए नहीं, बल्कि सामान्य पक्षकार के हितों को ध्यान में रखकर बनाई गई है, ताकि आधुनिक सुविधाओं के साथ न्यायदान की प्रक्रिया सुगम हो सके। इस इमारत के उद्घाटन के अवसर पर यही अपेक्षा है कि कम से कम नई इमारत में चलने वाला पहला मुकदमा किसी भी कारणवश स्थगित न हो। सिविल लाइंस स्थित जिला न्यायालय की नई इमारत के उद्घाटन समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों ने एक स्वर में यही संदेश दिया। इस इमारत का उद्घाटन सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति भूषण गवई के हाथों हुआ। समारोह में केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी, राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय गंगापुरवाला, न्या.सुनील शुक्रे, न्या.अतुल चांदुरकर, न्या.वाल्मिकी मेनेझेस और प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश श्रीनिवास अग्रवाल की विशेष उपस्थिति थी। 

खुल कर बोले न्या.गवई
देश में सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम प्रणाली को लेकर न्यायपालिका और सरकार में गतिरोध देखने को मिल रहा है। न्या.भूषण गवई कार्यक्रम में इस विषय पर खुल कर बोले। उन्होंने कहा कि चाहे न्यापालिका हो या सरकार हो, दोनों संस्थाएं जनता की भलाई के लिए है। अगर इस भावना को ध्यान में रख कर काम किया जाए, तो कोई गतिरोध नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि नागपुर खंडपीठ में न्यायमूर्ति रहते वक्त उन्होंने मनसर-खवासा महामार्ग और अन्य कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई ली। सरकार ने भी इस पर सकारात्मक रुख लिया और जनहित के अनेक कार्य इस तरीके से सफल हुए। नागपुर देश के लिए मिसाल है कि अगर न्यायपालिका और सरकार जनता की भलाई के लिए साथ हो, तो क्या कमाल हो सकता है। कार्यक्रम में न्या.गंगापुरवाला, न्या.शुक्रे,न्या.चांदुरकर, पीडीजे अग्रवाल ने भी अपने विचार रखे। आभार प्रदर्शन जिला बार असोसिएशन अध्यक्ष एड.रोशन बागडे ने आभार प्रदर्शन किया। 

याद आई पाटोड़ी और चाय
उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने संबोधन में जिला न्यायालय से जुड़े अपने पुरादे दिनों को याद किया। कहा कि राजनीतिक जीवन की शुरुआत में जब आंदोलन करते थे, तब जमानत लेने के लिए यहां आना पड़ता था। जमानत तो जल्दी हो जाती थी, लेकिन जिला न्यायालय के बाहर मिलने वाली पाटोड़ी और चाय का कुछ और ही मजा था। दोबारा इस परिसर में आ कर सभी यादें ताजा हो गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार न्यायपालिका को अधिक से अधिक सुविधाएं देने के लिए कटिबद्ध है। राज्य सरकार ने बजट का लगभग 1 प्रतिशत न्यायपालिका की सुविधाओं के लिए आवंटित किया है। नई इमारतों और सुविधाओं के लिए 1300 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। 

गडकरी का बेबाक अंदाज
अपने बेबाक अंदाज के लिए चर्चित केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने जिला न्यायालय की पुरानी इमारत के निर्माण से जुड़ी यादें साझा की। कहा कि जब वे राज्य के सार्वजनिक निर्माणकार्य मंत्री थे, तब पुरानी इमारत तैयार हुई। लेकिन इमारत इतनी बुरी तरह बनाई गई थी कि उन्होंने सीधे आर्किटेक्ट से सवाल पूछ लिया कि कहीं आपकी डिग्री फर्जी तो नहीं थी? गडकरी के इस अंदाज पर श्रोता ठहाके लगाने लगे। उन्होंने कहा कि ऐसे ही एक कार्यक्रम में दिए एक भाषण की देश-विदेश में चर्चा हुई, ऐसे में अब वे नई इमारत को लेकर कुछ नहीं बोलेंेगे। उन्होंने वकीलों पर भी चुटकी ली। कहा कि न्यायालय में कुछ वकील इतनी बार तारीख आगे बढ़वाते हैं, मानों लगता है कि वे तारीखें लेने की ही वकालत करते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसा कोई तंत्र हो, जिसमें वकील को अधिकतम 3 बार ही तारीख बढ़वाने की छूट मिले। ताकि तारीख पे तारीख की वृत्ति से छुटकारा मिल सके। 
 

Created On :   20 March 2023 12:40 PM IST

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