बारिश से सोयाबीन फसल में फलन कम - तीन से चार फिट ऊंचे हुए पौधे, महज तीन से चार फल्लियां

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। जिले में इस साल समय पर मानसून की दस्तक और अगस्त माह में जबरदस्त बारिश के कारण खरीफ की फसल का तेजी से विकास हुआ। मक्का की फसल लहलहा रही है तो वहीं सोयाबीन के पौधों की ऊंचाई तीन से चार फिट हो गई है। सोयाबीन पौधों की अप्रत्याशित बढ़त का फसल पर विपरीत प्रभाव नजर आ रहा है। सोयाबीन की अधिकांश किस्मों के पौधे बेल की तरह फैल गए हैं, इससे पौधों में फूल और फल्लियों की संख्या बेहद कम नजर आ रही है। जानकारों का कहना है कि इससे सोयाबीन का उत्पादन जबरदस्त तरीके से प्रभावित होगा।
बीते साल मक्का के दाम में गिरावट से इस साल सोयाबीन के रकबे में अचानक बढ़ोतरी आई। जून माह के दूसरे पखवाड़े में बोवनी करने वाले किसानों के लिए इस साल लगातार बारिश मुसीबत का सबब बन गई है। दरअसल इस साल सोयाबीन की फसल में तेजी से बढ़वार के कारण महज 40 से 50 दिन में पौधों की ऊंचाई तीन से चार फिट हो गई। कई किसानों ने फसल की आवश्यकता से अधिक यूरिया का छिड़काव किया है। इससे फसल की ऊंचाई ज्यादा होने के साथ पत्तियों का रंग भी हरा है।
अब किसानों की चिंता बढ़ी
दो माह की फसल में फल्लियों की संख्या देखकर किसानों की चिंता बढ़ गई है। दरअसल धूप की कमी के कारण सोयाबीन के पौधों की टहनियों से निकल रहे फूल परिपक्व होने से पहले ही गलने लगे, इससे फल्ल्यिों की संख्या बेहद कम नजर आ रही है। किसानों का कहना है इन जिन पौधों में 25 से 30 परिपक्व फल्लियां होनी चाहिए वहां तीन से चार फल्लियां ही दिख रही है। इससे यह आशंका बढ़ गई कि इस साल सोयाबीन का उत्पादन कम होगा।
सोयाबीन के पौधों की छंटाई का प्रयोग कारगर
छिंदवाड़ा। बिछुआ के झामटा गांव के किसान सतीश गाकरे ने जुलाई माह के अंतिम सप्ताह में सोयाबीन फसल के पौधों की मशीन छंटाई कर दी। इससे पौधों की ऊंचाई कम हो गई और पौधों में नई शाखाएं निकल आई। इन शाखाओं में फूल और फल्लियां भी निकल आई। किसान सतीश गाकरे ने बताया कि इस साल सोयाबीन के पौधों की ऊंचाई तीन फिट से ज्यादा हो गई थी। फलन के दौरान पौधों की शाखाएं टूटने का खतरा बन गया था इसलिए उन्होंने मशीन से पौधों की ऊंचाई कम करने के लिए यह कदम उठाया, इसके अच्छे परिणाम नजर आ रहे हैं।
Created On :   25 Aug 2020 6:15 PM IST