खेतों में जगह-जगह नजर आ रहे पत्थर और बाढ़ का मलबा 

Stones and flood debris visible in the fields
खेतों में जगह-जगह नजर आ रहे पत्थर और बाढ़ का मलबा 
किसान परेशान खेतों में जगह-जगह नजर आ रहे पत्थर और बाढ़ का मलबा 

डिजिटल डेस्क, अहेरी.(गड़चिरोली).   इस वर्ष खरीफ सत्र के दौरान बाढ़ ने किसानों की फसलें तबाह कर दी। जुलाई के बाद अगस्त माह में हुई अतिवृष्टि के कारण खेतों की फसलंे पूरी तरह नष्ट हो गयी है। खेतों में अब जहां-तहां नुकसान का मंजर देखने को मिल रहा है। खेतों में फसलों की जगह पत्थर और बाढ़ का मलबा दिखायी देने लगा है। प्रस्तुत प्रतिनिधि ने बुधवार को अहेरी क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में पहुंचकर किसानों से बातचीत करने का प्रयास किया। किसानों द्वारा केवल एक ही फरियाद रखी गयी कि, अब दोबारा बुआई के लिए लिया गया कर्ज अदा कैसे करेंगे?
 इस संकट से उबरने के लिए किसानों ने सरकार ने युद्धस्तर पर वित्तीय मदद की मांग की है। जुलाई माह में हुई अतिवृष्टि के कारण अहेरी तहसील की प्राणहिता नदी पूरी तरह सीमा रेखा से बाहर हाे गई। सिरोंचा तहसील मुख्यालय से सटे तेलंगाना राज्य के मेडीगड्‌डा बांध से लगातार पानी छोड़ने के कारण गोदावरी नदी लबालब हो गई। गोदावरी का पानी भी प्राणहिता नदी में समाने से अहेरी तहसील के दर्जनों गांवों में बाढ़ की स्थिति निर्माण हुई। जुलाई माह के दौरान रोपाई के पूर्व ही किसानों की फसलों का नुकसान हुआ था। अतिवृष्टि का दौर थमते ही किसानों एक बार फिर हिम्मत जुटाते हुए अपने खेतों में दोबारा बुआई शुरू की। लेकिन इस बार भी इंद्र देवता ने किसानों की फसलों काे पूरी तरह तबाह कर दिया। वर्तमान में जिले में बारिश पूरी तरह थम गयी है, लेकिन प्राणहिता नदी की बाढ़ के कारण क्षेत्र के खेत तालाब मंे तब्दील हो गये हैं।   खेतों की फसलें सड़ने लगी है। खेतों में फसलों की जगह पत्थर और बाढ़ का मलबा दिखायी देने लगा है। इस संकट से उबरने के लिए किसानों ने तत्काल वित्तीय मदद की मांग की है। 
 

Created On :   18 Aug 2022 3:32 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story