हिंदी सहित भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होंगे सुप्रीम कोर्ट के फैसले

Supreme Court decisions will be available in Indian languages including Hindi
हिंदी सहित भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होंगे सुप्रीम कोर्ट के फैसले
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड का एलान  हिंदी सहित भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होंगे सुप्रीम कोर्ट के फैसले

डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड ने कहा है कि जल्द ही सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की प्रति हिंदी सहित देश की हर भाषा में उपलब्ध कराई जाएगी। जिससे ग्रामीण इलाकों में रहनेवाले लोगों कोभीउनकि भाषा में अदालत के फैसलों की जानकारी मिल सके। श्री चंद्रचूड ने शनिवार को बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा (बीसीएमजी) की ओर से दादर स्थित योगी सभागृह में आयोजित के एक कार्यक्रम के दौरान यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि देश के अंतिम व्यक्ति को सस्ते में व तेजी से न्याय मिले इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। क्योंकि जब तक हमारे देश का नागरिक जिस भाषा को समझता है उसे उस भाषा में अदालत के फैसलों की जानकारी नहीं मिलेगी, तब तक न्याय व्यवस्था की सार्थकता साबित नहीं होगी। 

न्यायालय की कार्यवाही का हो सीधा प्रसारण
इस दौरान श्री चंद्रचूड ने न्यायालय की कार्यवाही के सीधे प्रसारण की वकालत पर भी जोर दिया और कहा कि न्यायालय कागजरहित होकर तकनीक सुगम बने यह मेरा मिशन है। इससे पहले उन्होंने बार काउंसिल आफ महाराष्ट्र एंड गोवा(बीसीएमजी) की ओर से तैयार की गई सीविल व क्रिमिनल प्रैक्टिस हैंडबुक का भी विमोचन किया। इसके साथ ही उन्होंने बीसीएमजी के एयर न्यूज व व्यूज चैनल की भी शुरुआत की। बीसीएमजी देश का पहला बार काउंसिल है जिसने युवा वकीलों के लिए अपनी तरह की अनूठी  प्रैक्टिस हैंड बुक का प्रकाशन किया है। 50 हजार युवा वकीलों को इस हैंडबुक की प्रति निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।  कार्यक्रम के दौरान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रचूड ने कहा कि न्यायालय में तकनीक की मदद से व्यापक बदलाव लगाया जा सकता है। इस दौरान उन्होंने कहा कि आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस की मदद से सुप्रीम कोर्ट के फैसले हर भाषा में उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य शुरु है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था को व्यक्ति के लिए बनाया गया है। इसलिए व्यवस्था व्यक्ति के ऊपर नहीं हो सकती है। 

हाशिये में पड़े समुदाय के वकीलों को भी मिले अवसर
न्यायपालिका में सामजिक संयोजन पर जोर देते हुए श्री चंद्रचूड ने कहा कि युवा व नए वकीलों को जितने ज्यादा अवसर मिलेगा, वकालत का पेशा उतना समृद्ध होगा। सामाजिक संयोजन के लिहाज से हाशिये पर पड़े समुदाय के वकीलों को भी आगे आने का अवसर देना जरुरी है। वकालत के पेशे में अवसर को सिर्फ कुछ खास लोगों तक सीमित नहीं रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट में रोजाना आंधे घंटे युवा वकीलों को सुनता हूं। क्योंकि इससे देश की नब्ज का पता चलता है। उन्होंने कहा कि युवा वकीलों को वरिष्ठ वकील अच्छा मानधन दे। इस दौरान उन्होंने न्यायपालिका में महिलाओं की बढ रही हिस्सेदारी की भी सराहना की।   इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बीआर गवई व हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एसवी गंगापुरवाला ने श्री चंद्रचूड के न्यायिक विवेक को सर्वोत्तम बताया। वहीं कार्यक्रम में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने श्री चंद्रचूड़ के कानूनी पेशे के सफर का परिचय दिया। कार्यक्रम में बार काउंसिल आफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा, हाईकोर्ट के मौजूदा व पूर्व न्यायमूर्तियों के अलावा बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा के चेयरमैन मिलिंग थोबड़े, बीसीएमजी के सचिव प्रवीण रणपिसे व उसके सदस्य उदय वारुंजेकर सहित बड़ी संख्या में वकील उपस्थित थे। 

कठिन वक्त में संविधान से मिलता है मार्गदर्शन 
इससे पहले नानी पालिकावाला मेमोरियल लेक्चर में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड ने कहा कि संविधान की आत्म को अक्षुण्ण रखते हुए बदलते समय के साथ उसकी व्यख्या करने में न्यायाधीश का कौशल निहित होता है। उन्होंने कहा कि जब भी रास्ता जटिल होता है तब संविधान ऐसे लोगों को मार्गदर्शन करता है जिन पर इसे लागू करने का जिम्मा होता है। उन्होंने कहा कि हाल के दशकों में कानूनी परिदृश्य में बड़ा बदलाव आया है। जिसमें उपभोक्ता कल्याण को प्रमुखता दी गई है। लेकिन इस बदलाव के बीच नियमों का गला घुटता भी दिख रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान की पहचान भारतीय नागरिकों के संवाद के तरीके व न्यायिक व्याख्या से विकसित हुई है। 

Created On :   21 Jan 2023 7:18 PM IST

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