नागपुर के ग्रामीण क्षेत्र के लिए टेलीमेडिसिन को मिली मान्यता

Telemedicine got recognition for rural area of ​​Nagpur
नागपुर के ग्रामीण क्षेत्र के लिए टेलीमेडिसिन को मिली मान्यता
नागपुर के ग्रामीण क्षेत्र के लिए टेलीमेडिसिन को मिली मान्यता

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ग्रामीण भाग के प्राथमिक उपचार केंद्र (पीएचसी) को ग्रामीण स्वास्थ्य विभाग का आधार माना जाता है, लेकिन यहां पर विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीजों काे शहर के अस्पतालों में जाना पड़ता है। पैसों का अभाव व शहर में कोई परिचित नहीं होने के कारण मरीज और उनके परिजनों को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। कई बार देरी के चलते कई मरीजों की मौत भी हुई, लेकिन अब ‘थ्री इडियट’ की तर्ज पर विशेषज्ञ डॉक्टर कहीं से भी ग्रामीण मरीजों के इलाज के लिए परामर्श दे सकते हैं। जिलापरिषद अंतर्गत पीएचसी में जल्द ही टेलीमेडिसिन की सुविधा मिलेगी। इससे मरीजों को गांव में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से विशेषज्ञों की सलाह से इलाज किया जा सकेगा।

लॉग इन आईडी जारी 
नागपुर जिले की 13 तहसील में में करीब 20 लाख लोग रहते हैं। ग्रमाीण भाग में पीएचसी, उपकेंद्र आदि ग्रामीणों के लिए महत्वपूर्ण हैं। जिलापरिषद के आरोग्य विभाग के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण के 49 पीएचसी और 316 उपकेंद्रों, आयुर्वेदिक दवाखाने हैं। जिप आरोग्य विभाग ने प्रशासन को टेलीमेडिसिन शुरू करने का प्रस्ताव भेजा था। सरकार ने इसे मान्यता देते हुए सभी पीएचसी में चिकित्सा अधिकारियों को लॉगइन अाईडी भी दे दी है। साथ ही चिकित्सा अधिकारियों का प्रशिक्षण भी पूरा कर लिया गया है। वर्तमान में केवल रामटेक उपजिला अस्पताल में टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध है। इससे मरीजों को विशेष उपचार की सुविधा मिल रही है। इसी तरह सभी केंद्रों पर यह शुरू किया जाएगा।

क्या है टेलीमेडिसिन
आधुनिक टेलीकम्युनिकेशन सिस्टम का उपयोग कर के मरीजों को स्वास्थ्य सेवा देना ही टेलीमेडिसिन है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पीएचसी में विशेषज्ञ डॉक्टरों से बात चीत कर सकते हैं।  ई-संजीवनी सॉफ्टवेयर से पीएचसी के डॉक्टर मरीजों की एक्सरे, सिटी स्कैन, सोनोग्राफी, एमआरआई, सहित सभी रिपोर्ट सॉफ्टवेयर से विशेषज्ञों को भेज सकते हैं। 

65 हजार रु. होगा खर्च
जिले की 49 पीएचसी में टेलीमेडिसिन शुरू करने के लिए सेटअप लगाया जाएगा। इसमें कंम्प्यूटर, कैमरा, माइक, स्पीकर सहित अन्य जरूरी उपकरण लगाएंगे। इसके लिए प्रत्येक पीएचसी पर लगभग 65 हजार का खर्च अा सकता है। 

मरीजों को मिलेगा फायदा
टेलीमेडिसिन से मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टरों का परामर्श मिल सकेगा। इससे गंभीर बीमारी के मरीजों को शहर में जाने की जरूरत नहीं होगी। कोविड के उपचार में भी विशेषज्ञों का मार्गदर्शन मिलेगा।  -डॉ. दीपक सेलोकर, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, नागपुर

 
 

Created On :   15 Jun 2021 12:44 PM GMT

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