नागपुर के सक्करदरा तालाब की स्थिति नहीं है ठीक, डिसॉल्व ऑक्सीजन स्तर 3 पर पहुंचा

The condition of the Sakkardara pond in Nagpur is not right, the dissolve oxygen level reached 3
नागपुर के सक्करदरा तालाब की स्थिति नहीं है ठीक, डिसॉल्व ऑक्सीजन स्तर 3 पर पहुंचा
नागपुर के सक्करदरा तालाब की स्थिति नहीं है ठीक, डिसॉल्व ऑक्सीजन स्तर 3 पर पहुंचा

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  शहर के सक्करदरा तालाब की स्थिति अच्छी नहीं है। जांच में सामने आया है कि, तालाब के पानी में डिसॉल्व ऑक्सीजन की मात्रा 3 मिलीग्राम प्रति लीटर है, जो सामान्य से आधी है। सामान्य तौर पानी में 6 मिलीग्राम प्रति लीटर डिसॉल्व ऑक्सीजन रहती है। वहीं, तालाब का धुंधलापन 80 जेटीयू है। इसके अलावा तालाब में पानी कम है और तालाब के चारों ओर जलकुंभी लगी हुई है। ऐसे में यदि तालाब में गणेशमूर्ति का विसर्जन किया जाता है, तो उसका सिस्टम पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगा। 

ग्रीन विजिल फाउंडेशन के तत्वावधान में टीम लीडर सुरभि जायस्वाल के नेतृत्व में विभिन्न तालाबों के पानी के नमूने लेकर जांच की गई। यह जांच पिछले 8 साल से अर्थईको इंटरनेशनल अंतरराष्ट्रीय संस्था के साथ मिलकर की जा रही है। इसके तहत साल में तीन बार फरवरी माह, गणेश विसर्जन के पूर्व और गणेश विसर्जन के बाद फुटाला तालाब, सोनेगांव तालाब, गांधीसागर तालाब एवं सक्करदरा तालाब के पानी की जांच की जाती है। यह संस्था हर साल एक डाटाबुक प्रकाशित करती है जिसमें विभिन्न देशों के नदी व तालाबों के डाटा को शामिल किया जाता है।

कृत्रिम पद्धति से ऑक्सीजन देने की जरूरत
इसके अलावा शहर के फुटाला तालाब, गांधीसागर तालाब एवं सोनेगांव तालाब में डिसॉल्व ऑक्सीजन की मात्रा 4.5 मिलीग्राम प्रति लीटर पाई गई। वहीं, धुंधलापन में फुटाला तालाब का 50-60 जेटीयू, गांधीसागर तालाब का 70-75 जेटीयू, सोनेगांव तालाब का 55-60 जेटीयू दर्ज किया गया। सुरभि जैस्वाल ने बताया कि, शहर के गांधी सागर, फुटाला और सोनेगांव तालाब की स्थिति पिछले 11 माह में सेल्फ प्यूरिफिकेशन से काफी सुधरी है। तालाबों में कृत्रिम पद्धति से ऑक्सीजन देने की जरूरत है, जिसे फव्वारा आदि लगाकर किया जा सकता है, जिससे पानी में डिसॉल्व ऑक्सीजन की मात्रा में बढ़ोतरी होती है।

गर्मी में तालाबों का सूखना चिंताजनक 
ग्रीन विजिल फाउंडेशन के डिप्टी टीम लीडर मेहुल कोसुरकर ने कहा कि, गर्मी के दिनों में सक्करदरा तालाब और सोनेगांव तालाब का सूख जाना चिंताजनक है। ऐसे में तालाबों की गहराई बढ़ाई जानी चाहिए जिससे पानी की क्षमता अधिक हो सके। ग्रीन विजिल फाउंडेशन के सदस्यों ने शहरवासियों से ज्यादा से ज्यादा कृत्रिम तालाब में मूर्ति विसर्जन करने का आग्रह किया, ताकि तालाबों को बचाया जा सके। फाउंडेशन के संस्थापक कौस्तुभ चटर्जी का कहना है कि, यदि इस बार फुटाला, सोनेगांव और गांधीसागर तालाब में मूर्ति विसर्जन को रोक लिया गया, तो उनका डिसॉल्व ऑक्सीजन का स्तर सामान्य पर पहुंच जाएगा।  
 

Created On :   11 Aug 2020 7:53 AM GMT

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