कोपाखेड़ा में भूकंप की सुलझेगी गुत्थी, छिंदवाड़ा में होगी भूकंप वेधशाल 

The earthquake will solve the earthquake in Kopakheda, earthquake observatory in Chhindwara
कोपाखेड़ा में भूकंप की सुलझेगी गुत्थी, छिंदवाड़ा में होगी भूकंप वेधशाल 
कोपाखेड़ा में भूकंप की सुलझेगी गुत्थी, छिंदवाड़ा में होगी भूकंप वेधशाल 


डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा । अमरवाड़ा के कोपाखेड़ा में बार-बार आने वाले भूकंप के झटकों की गुत्थी अब तक अनसुलझी है। कई बार नागपुर के भू-वैज्ञानिकों के निरीक्षण के बाद भी ये पता नहीं चल पाया है कि इस गांव में इतने भूकंप के झटकों का क्या रहस्य है? अब जल्द ही इन सभी रहस्यों का प्रमाणिक खुलासा होगा।  हाल ही मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक ने छिंदवाड़ा में स्थाई भूकंप वैधशाला खोलने की परमिशन दे दी है। अब बड़े भू-वैज्ञानिक छिंदवाड़ा में होने वाली भू-गर्भीय गतिविधियों का परीक्षण कर सकेंगे। 
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने छिंदवाड़ा में अत्याधुनिक भूकंप सेंसर, वीसैट संचार सुविधाओं और भूकंप रिकॉर्डर से लैस वेधशाला की स्थापना किए जाने का निर्णय लिया है। भूकंप उपकरणों की स्थापना  और आवश्यक तैयारियों को पूर्ण करने के लिए राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र नई दिल्ली के अधिकारी जल्द ही छिंदवाड़ा स्थित मौसम कार्यालय का भ्रमण करेंगे। अधिकारियों ने वेधशाला के लिए कार्यालय में ही कमरा आवंटित कर दिया है। 
क्या है कोपाखेड़ा का रहस्य-
अमरवाड़ा से चंद किलोमीटर दूर ग्राम कोपाखेड़ा अभी तक एक बड़ा रहस्य बना हुआ है। पिछले कई सालों से इस गांव में भूकंप के हल्के झटके ग्रामीणों द्वारा महसूस किए जाते हैं। पिछले कुछ सालों तक तो दिन में कई बार यहां भूकंप ेके झटके महसूस किए जाते थे। यहां के स्थानीय लोगों के लिए अब भूकंप के झटके आम बात हो गए हैं लेकिन डर अभी भी है कि इस गांव के गर्भ में ऐसा क्या है कि आए दिन भूकंप के झटके यहां आते हैं। कई वैज्ञानिक भी यहां परीक्षण कर चुके हैं लेकिन अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। 
संवेदनशील है छिंदवाड़ा का अधिकांश हिस्सा-
नर्मदा नदी के दक्षिण हिस्से में बसा छिंदवाड़ा भूगर्भीय उथलपुथल के मामले में संवदेनशील है। जबलपुर, और लातूर के बीच बसे छिंदवाड़ा जिले में कई बार भूकंप के हलके झटके महसूस किए गए हैं। हर बार अमरवाड़ा का कोपाखेड़ा गांव भूकंप का केंद्र रहा है। भूकंप वेधशाला की स्थापना होने के बाद जिले के लोगों को प्राकृतिक आपदा या प्राकृतिक बदलाव का पूर्वानुमान मिल सकेगा।  
क्या होगा वेधशाला में-
इस नई वैधशाला की स्थापना से इस क्षेत्र के भूकंप से संबंधित महत्वपूर्ण आंकड़ों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी और यहा वेधशाला भूकंप की प्रक्रियाओं को समझने, वैज्ञानिक अध्ययन, अनुसंधान के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाएगी। 
सालों पहले बन चुका मौसम विज्ञान केंद्र-
छिंदवाड़ा में सालों पहले ही मौसम विज्ञान केंद्र बनकर तैयार हो चुका है। शुक्ला ग्राउंड के पास तीन एकड़ से ज्यादा बड़े भू-भाग में नया भवन बनकर तैयार है लेकिन यहां किसी भी प्रकार की गतिविधियों का संचालन शुरु नहीं हो पाया। इस वेधशाला के खुलने से मौसम विज्ञान से जुड़ी अन्य सुविधाओं का विस्तार भी यहां होगा। 
इनका कहना है.... 
- राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र नई दिल्ली भारत सरकार की नोडल एजेंसी है। जो देश की 15 भूकंप वेधशालाओं का रखरखाव करती है। छिंदवाड़ा में भी नई वेधशाला की स्थापना की जा रही है। 
ेके एम गेडाम
प्रभारी अधिकारी एवं मौसम वैज्ञानिक 

Created On :   21 Jan 2020 5:52 PM GMT

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