आयुक्त मुंढे का बचाव करते हुए पालकमंत्री राउत का महापौर पर पलटवार

The foster minister defended Commissioner Munde, the mayor responded
आयुक्त मुंढे का बचाव करते हुए पालकमंत्री राउत का महापौर पर पलटवार
आयुक्त मुंढे का बचाव करते हुए पालकमंत्री राउत का महापौर पर पलटवार

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे के खिलाफ मोर्चा खोलने वालों को पालकमंत्री नितीन राऊत ने जवाब दिया है। उन्होंने मुंढे का बचाव करते हुए कहा है कि स्मार्ट सिटी के चेयरमैन प्रवीण परदेशी ने मनपा आयुक्त को सीईओ के अधिकार दिए हैं। उसी अधिकार का प्रयोग कर बकाया बिल भुगतान किया होगा। इसमें गलत क्या है? पालकमंत्री के इस वक्तव्य को महापौर ने दुर्भाग्यपूर्ण कहते हुए आपत्ति दर्ज की है। कहीं भी और किसी भी समय खुली चर्चा की पालकमंत्री को चुनौती दी।

स्मार्ट सिटी के चेयरमैन प्रवीण परदेशी ने मनपा आयुक्त को सीईओ के अधिकार दिए हैं। उन्हें मिले अधिकार का प्रयोग कर बकाया बिल भुगतान किया होगा। इसमें गलत क्या है? - नितीन राऊत

पालकमंत्री अपने बयान को सिद्ध करके दिखाए। अधिकार नहीं रहते 20 करोड़ का आयुक्त ने भुगतान किया है। इस विषय पर खुली चर्चा के लिए हम तैयार हैं। जो आरोप लगाए हैं, उसकी पड़ताल होनी चाहिए।  - संदीप जोशी

10 जुलाई को स्मार्ट सिटी की होने वाली है बैठक
नागपुर स्मार्ट एंड सस्टेनेबल सिटी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड कंपनी के सीईओ पद पर महापौर और मनपा आयुक्त के बीच िववाद चरम पर है। इस बीच, 10 जुलाई को स्मार्ट सिटी संचालक मंडल की बैठक बुलाई गई है। कोरोना संक्रमण कालावधि में आयुक्त के कार्य की पालकमंत्री ने सराहना की है। पालकमंत्री ने कहा कि मुंढे ने खुद कुछ भी नहीं किया। चेयरमैन ने जो अधिकार दिए, उसी का प्रयोग कर स्मार्ट सिटी प्रकल्प को अनुशासन में लाने का प्रयास किया। यदि किसी कंपनी का बकाया रहा होगा, उसका भुगतान किया है।

जो आरोप लगाए हैं उसकी पड़ताल होनी चाहिए
पालकमंत्री के वक्तव्य पर महापौर जोशी ने आपत्ति दर्ज करते हुए सीधे खुली चर्चा की चुनौती दी है। पालकमंत्री से अपने वक्तव्य सिद्ध कर दिखाने का महापौर ने आह्वान किया। महापौर ने कहा िक अधिकार नहीं रहते हुए बैंक को गुमराह कर 20 करोड़ रुपए का भुगतान गया। जिम्मेदारी और सबूतों के साथ वक्तव्य दिया है। इस विषय पर खुली चर्चा के लिए तैयार है। जहां आयुक्त ने अच्छा काम किया है, उसका समर्थन करते हैं। जहां गलत हुआ है, उसे माफ नहीं किया जा सकता। जो आरोप लगाए हैं, उसकी पड़ताल होनी चाहिए। पहले ही क्लीन चीट देना उचित नहीं है। 
 

Created On :   6 July 2020 6:15 AM GMT

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