दो माह के बच्चे को मृत बताकर किया अपहरण,आरोपी गिरफ्तार

the kidnappers of two years old new born arrested by police
दो माह के बच्चे को मृत बताकर किया अपहरण,आरोपी गिरफ्तार
दो माह के बच्चे को मृत बताकर किया अपहरण,आरोपी गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/परासिया। चांदामेटा थाना क्षेत्र की एक महिला ने अपने दो माह के बच्चे का अपहरण होने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी। शिकायत पर पुलिस ने नवजात की तलाश शुरू की और अपहरणकर्ताओं को खोज निकाला। आरोपियों की गिरफ्तारी कर पुलिस द्वारा नवजात को मां के सुपुर्द किया गया है।

 देखरेख के लिये सौंपा था
एसआई दीपक यादव ने बताया कि इकलहरा निवासी रानी पति महेश कहार ने शुक्रवार को शिकायत में बताया कि 9 दिसंबर को उसने मंगली बाजार निवासी आफरीन पति असलम को कुछ दिनों के लिए अपने दो माह के बच्चे को देखभाल करने के लिए सौंपा था। 14 दिसंबर को आफरीन ने उसे बताया कि बच्चे की मौत हो गई है, जिसे उसने दफना भी दिया है। इस बात पर विश्वास नहीं होने पर रानी और उसके पति महेश ने लगातार आफरीन से पूछताछ की, लेकिन महिला उन्हें गोलमोल जवाब देती रही। वहीं आफरीन के पति असलम ने 28 दिसंबर को रानी और महेश को उसका बच्चा आफरीन के पास सही सलामत होने की जानकारी दी। जिसके बाद दंपती चांदामेटा थाने पहुंचे। शिकायत पर पुलिस ने आफरीन और उसके परिचित इकलहरा निवासी संजय बावरिया के खिलाफ धारा 344, 346, 365, 368 और 120 बी के तहत मामला पंजीबद्ध कर चांदामेटा से आफरीन को हिरासत में लिया, उसकी निशानदेही पर जुन्नारदेव निवासी संजय बावरिया, दुर्गेश बावरिया और तरूण बावरिया को गिरफ्तार कर उसके पास से बच्चे को बरामद कर मां को सौंप दिया है।

झगड़े में फंसे प्रापर्टी टैक्स के 28 करोड़
वर्ष 2018-19 महज चंद दिनों का मेहमान है और नगर निगम , चालू साल में संपत्ति कर के मद में एक पैसा तक नहीं वसूल पाया है। संपत्ति कर की दर के निर्धारण में नगर निगम परिषद और राज्य शासन के नगरीय प्रशासन विभाग के बीच फंसी पेंच के कारण यहां ये हालात बने हैं। लगभग 9 माह से इसी मसले पर निगम प्रशासन भी परिषद और सरकार के बीच महज पोस्टमैन की भूमिका में है। जानकार सूत्रों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2018-19 में जिला मुख्यालय के सभी प्रकार के कुल 62 हजार कर दाताओं से प्रापर्टी टैक्स के मद में 16 करोड़ रुपए की वसूली का लक्ष्य रखा गया था। इस लक्ष्य की पूर्ति तो दूर निगम का राजस्व विभाग इसी मद में वित्तीय वर्ष 2017-18 में बकाया 15 करोड़ 50 लाख की रिकवरी भी नहीं कर पाया है। वर्ष 2017-18 की स्थिति में सिर्फ साढ़े 8 करोड़ की वसूले जा सके थे कि संपत्ति कर मनमानी दरों का झगड़ा सामने आ गया।

 

Created On :   31 Dec 2018 7:55 AM GMT

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