कोर्ट के लिए फैसला देने की समय सीमा तय होनी चाहिए : गडकरी

There should be a time limit for the court to give its verdict: Gadkari
कोर्ट के लिए फैसला देने की समय सीमा तय होनी चाहिए : गडकरी
नागपुर कोर्ट के लिए फैसला देने की समय सीमा तय होनी चाहिए : गडकरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। समय सबसे बड़ी पूंजी है। कैबिनेट में कानून या ट्रिब्यूनलों से जुड़े कई मसलों पर चर्चा होती है। हम एक बात के कट्टर पक्षधर हैं कि न्यायपालिका किसी से प्रभावित नहीं होनी चाहिए। फैसला देना न्यायपालिका का अधिकार है, लेकिन इसकी कोई समय सीमा तय होनी चाहिए। मैंने अपनी आंखों के सामने देरी के कारण देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों को मिट्टी में मिलते देखा। जब उन्हें न्याय मिला, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। समय सीमा तय की जाए, तो इससे हमारे लाखों-करोड़ों रुपए बच सकते हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी रविवार को वारंगा स्थित  महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एमएनएलयू) नागपुर के नए छात्रावास और एमिनिटी ब्लॉक के उद्घाटन के अवसर पर बतौर विशेष अतिथि बोल रहे थे। 

सरकारी पैसों का मोह छोड़ें : गडकरी ने कहा कि मेडिकल, तकनीकी और विधि क्षेत्र की प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थाओं के आने से  नागपुर शहर अब सही मायनों में एजुकेशन हब बन गया है। इन संस्थाओं को अपने विकास के लिए अब नए आर्थिक विकल्प ढूंढने चाहिए। एमएनएलयू ने अपने विस्तार के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 50 करोड़ का कर्ज लिया, ठीक ऐसा ही शहर की एक अन्य बड़ी शिक्षा संस्था ने किया। मैं इसे ही सही मॉडल मानता हूं। हमारी दिक्कत है कि हम हर काम सरकार के पैसों से करना चाहते हैं, यह उचित नहीं है। शिक्षा संस्थानों को फीस से मिलने वाली आय बहुत होती है। इससे कर्ज चुकाया जा सकता है। इसमें गरीबों के लिए नि:शुल्क शिक्षा का प्रबंध हो। जो दे सकता है, उसी से फीस ली जाए।  यही एक कल्याणकारी राज्य को सुनिश्चित करता है। 

आर्थिक मदद करेंगे : उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि लोगों को लगता है कि आर्थिक विकास के कारण अच्छी शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध होती है, लेकिन स्थिति इसके ठीक उलट है। जहां अच्छी शिक्षा मिलती है, वहां उद्योग, संस्थाएं और अन्य वर्ग आकर्षित होते हैं। विधि विवि की नागपुर में स्थापना भी इसी उद्देश्य से की गई है। राज्य सरकार विवि के विकास में हर प्रकार की आर्थिक मदद करेगी। रविवार को नई इमारतों का उद्घाटन सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति और विवि के कुलपति भूषण गवई के हाथों हुआ। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति पी.एस.नरसिम्हा, बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ के न्या.सुनील शुक्रे, न्या.अतुल चांदुरकर, न्या.अनिल किल्लोर विवि कुलगुरु प्रो.विजेंदर कुमार और कुलसचिव डॉ.आशिष जैन की मंच पर उपस्थिति थी। 

Created On :   11 July 2022 5:08 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story