साउंड पॉल्यूशन मामले में ये हैं महाराष्ट्र के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर

These are the most polluted cities in Maharashtra, in the case of sound pollution
साउंड पॉल्यूशन मामले में ये हैं महाराष्ट्र के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर
साउंड पॉल्यूशन मामले में ये हैं महाराष्ट्र के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषण वाले जिलों की सूची में नागपुर, अमरावती, अकोला, चंद्रपुर, औरंगाबाद, नांदेड़-वाघोला, नाशिक शहर के इलाकों का समावेश है। नागपुर के सीताबर्डी पुलिस स्टेशन परिसर में ध्वनि प्रदूषण का स्तर 24 दिसंबर 2017 को छुट्टी के दिन 72.5 और रात में 58 डेसिबल दर्ज किया गया। जबकि दो दिन बाद 26 दिसंबर को कामकाजी दिवस पर दिन में 74.3 और रात में 64.1 डेसिबल पाया गया।

बीते सप्ताह विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश की गई आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल 24 दिसंबर को अकोला जिलाधिकारी कार्यालय के इलाके में ध्वनि प्रदूषण का स्तर दिन में 69 और रात में 50 डेसिबल था। जबकि 26 दिसंबर को दिन में 70.1 और 48.6 डेसिबल पाया गया। अमरावती के राजकमल चौक परिसर में 24 दिसंबर को दिन में 72.9 और रात में 60.6 डेसिबल रिकार्ड किया गया। जबकि 26 दिसंबर को दिन में 74.3 और रात में 62.2 डेसिबल पाया गया।

विदर्भ के हाल
चंद्रपुर के जटपुरा गेट परिसर में 24 दिसंबर को दिन में 74 और रात में 71.1 डेसिबल और 26 दिसंबर को दिन में 78.1 और रात में 63.9 डेसिबल दर्ज किया गया। वहीं औरंगाबाद के निराला बाजार परिसर में 24 दिसंबर को दिन में 71.9 व रात में 60.5 डेसिबल और 26 दिसंबर को दिन में 66 और रात 54.1 डेसिबल आवाज दर्ज की गई। नांदेड़- वाघोला के विष्णुपुरी में 24 दिसंबर को दिन में 69.2 व रात में 59.7 डेसिबल और 26 दिसंबर को दिन में 70.1 व रात में 52.6 डेसिबल रिकार्ड किया गया।

24 दिसंबर को नाशिक के द्वारका सर्कल में ध्वनि प्रदूषण दिन में 74.9 और रात में 66.6 डेसिबल और सातपुर के उद्योग भवन परिसर में दिन में 69.3 और रात में 59.1 डेसिबल पाया गया। जबकि 26 दिसंबर को द्वारका सर्कल में दिन 74.2 में व रात में 67.1 डेसिबल और सातपुर के उद्योग भवन परिसर में दिन में 71.4 और रात में 61.9 डेसिबल आंका गया।  इसके अलावा मुंबई के दादर स्थित शिवाजी पार्क, चेंबूर से वाशी नाका, ठाणे के गोखले रोड और वागले इस्टेट, पुणे के स्वारगेट और हडपसर में ध्वनि प्रदूषण का स्तर अधिक है।

क्या है ध्वनि प्रदूषण ?
ध्वनि प्रदूषण या अत्यधिक शोर किसी भी प्रकार के अनुपयोगी ध्वनियों को कहते हैं, जिससे मानव और जीव जन्तुओं को परेशानी होती है। इसमें यातायात के दौरान उत्पन्न होने वाला शोर मुख्य कारण है। जनसंख्या और विकास के साथ ही यातायात और वाहनों की संख्या में भी वृद्धि होती जिसके कारण यातायात के दौरान होने वाला ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ने लगता है। अत्यधिक शोर से सुनने की शक्ति भी चले जाने का खतरा होता है।

Created On :   11 March 2018 6:50 PM GMT

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