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तम्बाकू एक जानलेवा जहर है इसके प्रभावी नियंत्रण की दिशा में कार्य करें: कलेक्टर!
डिजिटल डेस्क | जबलपुर कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा के निर्देशन में आज तम्बाकू नियंत्रण के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला पंचायत में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें अपर कलेक्टर श्री राजेश बाथम, श्री शेरसिंह मीणा व सुश्री विमलेश सिंह सहित सभी जिला अधिकारी उपस्थित थे। इस दौरान तम्बाकू से होने वाली हानियों के बारे में जानकारी देकर इसके नियंत्रण के लिए प्रभावी कार्यवाही करने को कहा गया। कार्यशाला में यह जानकारी दी गई कि प्रतिवर्ष भारत में 12 से 13 लाख लोगों की मौत का कारण तम्बाकू से होने वाली बीमारियाँ हैं।
भारत में 31 प्रतिशत और मध्यप्रदेश में 28 प्रतिशत वयस्क धूम्ररहित तम्बाकू का सेवन करते हैं। लेकिन अब वे तम्बाकू का सेवन न करें क्योंकि तम्बाकू एक जानलेवा जहर है। कार्यशाला में बताया गया कि वर्ष 2009-10 में 40 प्रतिशत लोग सार्वजनिक स्थानों पर परोक्ष धूम्रपान का शिकार होते थे, वहीं अब यह 2016-17 में घटकर 24 प्रतिशत हो गए हैं। इसका मुख्य कारण है कि विगत कई वर्षों में प्रवेश में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को रोकने के लिए सतत् निगरानी, जागरूकता और दंड किया गया है, जिससे लोगों में परिवर्तन आया है।
जिला नोडल अधिकारी डॉ संजय छत्तानी ने बताया कि इसके लिए भारत सरकार ने तम्बाकू आपदा से लोगों को बचाने के लिए तम्बाकू नियंत्रण कानून कोटपा-2003 बनाया है। इस कानून की धारा 4 के अनुसार सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है और अगर कोई सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करता है तो उसे 200. रूपये तक का जुर्माना किया जा सकता है। धारा 5 के अनुसार किसी भी तम्बाकू उत्पाद का विज्ञापन या प्रायोजन प्रतिबंधित है, धारा 6 अ के अनुसार नाबालिगों को या उनके द्वारा तम्बाकू उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है, धारा 6 बी अनुसार शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज (300 फिट) के दायरे में तम्बाकू उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है। तम्बाकू से कई बीमारियां होती हैं अत: तम्बाकू नियंत्रण और तम्बाकू नियंत्रण कानून के प्रभावी रूप से क्रियान्वयन के लिए क्या करने की जरूरत है।
Created On :   19 Oct 2021 5:12 PM IST